Haryana: हरियाणा में HKRN कर्मचारियों की हुई बल्ले-बल्ले, सरकार ने लागू की नई SOP
नई SOP की मुख्य बातें:
सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, अब HKRN के माध्यम से लगे कर्मचारियों के भुगतान तंत्र में एकरूपता और जवाबदेही तय की गई है।
हर महीने 7 तारीख तक सैलरी: सभी आहरण एवं संवितरण अधिकारियों (DDO) को सुनिश्चित करना होगा कि वे हर महीने की 7 तारीख से पहले HKRN को भुगतान भेज दें।
सेंट्रलाइज्ड EPF सिस्टम: विभाग अब सीधे तौर पर कर्मचारियों का पीएफ (PF) जमा नहीं करेंगे। ईपीएफ अनुपालन अब सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था के तहत HKRN द्वारा ही सुनिश्चित किया जाएगा।
वर्चुअल अकाउंट नंबर (VAN) अनिवार्य: सभी भुगतान केवल HKRN के बिलों में दर्शाए गए ‘वर्चुअल अकाउंट नंबर’ (VAN) में ही जमा किए जाएंगे।
DDO की जिम्मेदारी हुई तय
नई SOP में DDO (Drawing and Disbursing Officer) को केंद्रीय भूमिका दी गई है। उनकी जिम्मेदारियां इस प्रकार होंगी:
कर्मचारियों की उपस्थिति और तैनाती रिकॉर्ड का सत्यापन करना।
HKRN पोर्टल पर ईपीएफ (EPF) और ईएसआई (ESI) का सही विवरण अपलोड करना।
कर्मचारियों के कार्यमुक्त होने या मातृत्व अवकाश (Maternity Leave) की जानकारी तुरंत अपडेट करना।
बिल में कोई विसंगति मिलने पर 3 कार्य दिवसों के भीतर HKRN को सूचित करना।
दुर्घटना की स्थिति में 24 घंटे में देनी होगी सूचना
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि ESIC के अंतर्गत आने वाले किसी कर्मचारी के साथ दुर्घटना हो जाती है, तो DDO को 24 घंटे के भीतर इसकी सूचना HKRN को देनी होगी, ताकि कर्मचारी को समय पर सहायता मिल सके।
भुगतान की नई प्रक्रिया
भुगतान प्रक्रिया की शुरुआत HKRN से प्राप्त समेकित मासिक बिल से होगी।
बिल में वेतन, वैधानिक अंशदान और सेवा शुल्क शामिल होंगे।
DDO द्वारा सत्यापन के बाद बिल को कार्यालय प्रमुख की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।
स्वीकृति मिलते ही राशि सीधे HKRN के नामित खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
विभागों पर लगाई गई ये रोक
SOP में विभागों, बोर्डों और निगमों को सख्त हिदायत दी गई है कि वे HKRN कर्मियों के साथ वेतन या पीएफ को लेकर कोई भी प्रत्यक्ष अनुबंध (Direct Contract) नहीं करेंगे। साथ ही, विभागों को ईपीएफओ (EPFO) में सीधे राशि जमा करने से प्रतिबंधित किया गया है।
मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को इन आदेशों का तत्काल प्रभाव से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
