
हालांकि, मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) से मिली जानकारी के अनुसार, फिलहाल सबसे अधिक संभावनाएं गोहाना, हांसी और डबवाली में से किसी एक क्षेत्र को जिला बनाए जाने की हैं। इनमें से गोहाना फिलहाल सोनीपत जिले का हिस्सा है और इसे जिला बनाए जाने पर सोनीपत, रोहतक और जींद की भौगोलिक सीमाओं पर असर पड़ सकता है। हांसी, हिसार जिले में आता है, जबकि डबवाली, सिरसा जिले का हिस्सा है और पंजाब की सीमा से सटा हुआ क्षेत्र है। दिलचस्प बात यह है कि डबवाली को पहले ही पुलिस जिला घोषित किया जा चुका है, जिससे इसकी दावेदारी और मजबूत हो जाती है।
हरियाणा में इससे पहले 2016 में दादरी को जिला बनाया गया था, जो पहले भिवानी जिले में शामिल था। नए जिले के गठन की यह प्रक्रिया अब एक बार फिर तेज हो गई है। फिलहाल सरकार ने यह भी साफ किया है कि अन्य जिलों का फैसला 2026 की जनगणना के बाद लिया जाएगा।
जनसंख्या और क्षेत्रफल जैसे मानदंड हैं जरूरी
नए जिले की मांग को लेकर बनी पुनर्गठन उप-समिति को अब तक 73 प्रस्ताव मिल चुके हैं। इनमें से 10 जिले, 14 उपमंडल, 4 तहसील और 27 उप-तहसीलों के गठन से जुड़े सुझाव शामिल हैं। समिति ने नए जिले के लिए कुछ न्यूनतम मानदंड भी तय किए हैं, जिनमें 125 से 200 गांव, 4 लाख से अधिक आबादी, और कम से कम 80,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल की शर्तें शामिल हैं।
इन प्रस्तावों पर समिति द्वारा बैठकें की जा चुकी हैं और लिए गए निर्णयों को जल्द ही मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। इसके साथ ही, उपमंडल, तहसील और उप-तहसील के गठन के लिए भी अलग-अलग मानक तय किए गए हैं।
प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन को लेकर अब तक कैबिनेट सब-कमेटी की 5 बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों की अध्यक्षता कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार कर चुके हैं। पंवार ने स्पष्ट किया कि सरकार जनता और जनप्रतिनिधियों की मांगों के अनुसार काम कर रही है। इस समिति में शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा और कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा भी बतौर सदस्य मौजूद रहे हैं।