सेना सूत्रों के मुताबिक, शहीद पवन सिंधु की यूनिट को 13 दिनों के लिए ऊंची पहाड़ी क्षेत्र में पेट्रोलिंग के लिए भेजा गया था। शुक्रवार, 31 अक्टूबर को पेट्रोलिंग का आखिरी दिन था। इसी दौरान अचानक पैर फिसलने से वे खाई में गिर पड़े। साथियों ने काफी प्रयासों के बाद उन्हें ऊपर निकाला, लेकिन सिर पर गंभीर चोट लगने के कारण उन्होंने दम तोड़ दिया।
सेना अधिकारियों के अनुसार, शनिवार को पोस्टमॉर्टम के बाद रविवार को उनका पार्थिव शरीर दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचाया जाएगा। वहां से सेना की टीम पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव खांडा खेड़ी (हिसार) लेकर जाएगी। दोपहर बाद गांव में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। प्रशासन ने पूरे सम्मान के साथ श्रद्धांजलि देने की तैयारी कर ली है।
शहीद पवन सिंधु 2003 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। उन्होंने 2006 में रितु से विवाह किया था, जो झमोला गांव की रहने वाली हैं। उनके दो बेटे — सौम्य (17) और विनय (16) — जुलाना के एक निजी स्कूल में 11वीं कक्षा में पढ़ रहे हैं।
पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने उनकी शहादत पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि पवन सिंधु की वीरता और देशभक्ति हरियाणा ही नहीं, पूरे देश के लिए प्रेरणा है। उनके बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
