Haryana: हरियाणा सरकार ने पंचायतों पर लगाई नई लगाम, अब हर विकास कार्य पर निदेशालय की मंजूरी जरूरी
 
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Haryana News: हरियाणा सरकार ने ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों की प्रक्रिया को लेकर बड़ा बदलाव किया है। अब पंचायतें अपने स्तर पर कोई भी निर्माण या विकास कार्य शुरू नहीं कर सकेंगी, जब तक कि निदेशालय से उसकी मंजूरी न मिल जाए। सरकार ने इसके लिए हरियाणा रूरल डेवलपमेंट फंड (HRDF) के नियमों में संशोधन किया है।

पहले ग्राम पंचायत से लेकर एक्सईएन स्तर तक ही कामकाज की स्वीकृति की प्रक्रिया होती थी, लेकिन अब सभी प्रस्तावों और भुगतान को मुख्यालय स्तर से ही मंजूरी दी जाएगी।

एस्टीमेट मंजूरी की नई प्रक्रिया

अब पंचायतों को किसी भी विकास कार्य का एस्टीमेट (अनुमानित खर्च) पहले निदेशालय को भेजना होगा। 21 लाख रुपये तक के एस्टीमेट चीफ इंजीनियर-2 (हेडक्वार्टर) को भेजे जाएंगे।

एक्सईएन स्तर से तैयार एस्टीमेट चीफ इंजीनियर-1 को भेजे जाएंगे। सभी बिल एचआरडीएफ के अकाउंट ऑफिसर को भेजे जाएंगे, जो आगे एचआरडीएफ के एमडी को सत्यापन के लिए अग्रेषित करेंगे। सिर्फ सत्यापन के बाद ही भुगतान ऑनलाइन जारी किया जाएगा।

तीन चरणों में जियो टैगिंग अनिवार्य

पैसे की रिलीज प्रक्रिया को और सख्त बनाया गया है। अब पंचायतों को हर कार्य के लिए काम शुरू करते समय, 50 प्रतिशत कार्य पूरा होने पर, पूरा काम समाप्त होने पर फोटो भेजनी होगी।

इन तस्वीरों के आधार पर मुख्यालय से सत्यापन होगा। इसके बाद ही बिल पास होकर भुगतान जारी होगा। यानी अब काम पूरा किए बिना पंचायतों को पैसा नहीं मिलेगा।