Haryana CET Exam : हरियाणा CET परीक्षा की तारीखों को लेकर विवाद, एग्जाम होगा या नहीं? फटाफट जानें पूरी बात

फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा तय की गई परीक्षा की तारीखों पर आपत्ति जताई है। वहीं मांग की है कि इन तारीखों को लेकर पुनर्विचार किया जाए। 
 
Controversy over Haryana CET exam dates
Haryana CET Exam : हरियाणा में HSSC द्वारा CET परीक्षा 2025 का आयोजन प्रदेशभर में 26 और 27 जुलाई को किया जाएगा। ऐसे में अब CET परीक्षा की तारीखों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा तय की गई परीक्षा की तारीखों पर आपत्ति जताई है। वहीं मांग की है कि इन तारीखों को लेकर पुनर्विचार किया जाए। 

1300 सेंटरों की वजह से 35,000 स्कूल बंद क्यों   

आपको बता दें कि परीक्षा के लिए राज्यभर में करीब 1300 स्कूलों को सेंटर के रूप में चुना गया है। ऐसे में फेडरेशन के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा का कहना है कि फिर परीक्षा के कारण संपूर्ण हरियाणा के 35,000 से अधिक स्कूलों को दो दिनों के लिए क्यों बंद किय जाएगा। उनका कहना है कि जिन स्कूलों में परीक्षा होनी है, सिर्फ उन्हें ही बंद किया जाए, सभी पर इसका असर डालना गलत है। 

परीक्षा की तारीख पर उठे सवाल

एसोसिएशन ने इस बात पर भी नाराजगी जताई है कि परीक्षा जुलाई के आखिरी शनिवार और रविवार को रखी गई है, जबकि राज्य के स्कूल हर महीने के दूसरे शनिवार को पहले से ही बंद रहते हैं। उनका कहना है कि अगर HSSC परीक्षा दूसरे शनिवार और रविवार को रखता, तो छात्रों की पढ़ाई पर न्यूनतम असर पड़ता और अतिरिक्त अवकाश की जरूरत नहीं पड़ती। 

संगठन ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के उस निर्देश का भी हवाला दिया है, जिसमें कहा गया था कि सरकारी परीक्षाओं के चलते स्कूलों की शैक्षणिक गतिविधियों पर असर नहीं पड़ना चाहिए। फेडरेशन का कहना है कि उनका उद्देश्य सरकार के कार्यों में बाधा डालना नहीं है, लेकिन न्यायालय के निर्देशों का पालन होना जरूरी है। 

जानें क्या चाहते हैं स्कूल संगठन?

CET परीक्षा की तारीखों को लेकर स्कूल संगठन कहते है कि सभी स्कूलों में अवकाश न देकर केवल परीक्षा केंद्रों पर छुट्टी घोषित की जाए। भविष्य में इस तरह की परीक्षाएं दूसरे शनिवार-रविवार को रखी जाएं, ताकि शिक्षण कार्य बाधित न हो। वहीं सरकारी योजनाएं स्कूलों की शैक्षणिक प्रक्रिया को प्रभावित किए बिना चलाई जाएं। 

सरकार से सहयोग की अपील

फेडरेशन ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे इस मुद्दे को लेकर बार-बार अदालत की शरण में नहीं जाना चाहते, लेकिन सरकार को सभी हितधारकों की सहमति और सुविधाओं को ध्यान में रखकर निर्णय लेना चाहिए।