Haryana: हरियाणा में मकान बनाना हुआ बिल्कुल आसान, ये नए नियम हुए लागू
मिली जानकारी के अनुसार, सरकार ने अब पूरे सिस्टम को आसान करते हुए दो श्रेणियों में बांटा है - कम जोखिम और उच्च जोखिम वाली बिल्डिंग। कम जोखिम वाले घरों और दुकानों का आक्युपेशन सर्टिफिकेट (ओसी) अब आर्किटेक्ट खुद जारी कर सकेगा, जबकि बड़े प्रोजेक्ट का प्रमाणन थर्ड पार्टी तकनीकी विशेषज्ञ देंगे। जानकारी के मुताबिक, इसके साथ ही, एफएआर बढ़ाया गया है। सुरक्षा नियम अपडेट हुए हैं और पहली बार गरीब वर्ग के मकानों में बाथरूम और टॉयलेट का न्यूनतम आकार तय कर दिया गया है। Haryana News
जानकारी के मुताबिक, यहां बता देंकि लंबे समय से आम नागरिक, डेवलपर्स और उद्योगपति शिकायत कर रहे थे कि कि बिल्डिंग परमिशन और ओसी लेने में महीनों लग जाते हैं। निरीक्षण प्रक्रिया धीमी और अपारदर्शी है। नियम अस्पष्ट हैं और हर अधिकारी अलग व्याख्या करता है। छोटे उद्योग और मकान निर्माण के मामले में सिस्टम जरूरत से ज्यादा जटिल है। सरकार ने माना कि इस प्रक्रिया में सुधार जरूरी है और अब संशोधन लागू कर दिए गए हैं। Haryana News
अब कौन सी बिल्डिंग कैसे मंजूर होगी
मिली जानकारी के अनुसार, नई प्रणाली में अब बिल्डिंग्स को दो श्रेणियों में रखा गया है ताकि अनुमोदन प्रक्रिया सरल और तेज हो। पहली श्रेणी मंे कम जोखिम वाली बिल्डिंग्स में छोटे और बड़े प्लॉटों पर बने आम मकान (16.5 मीटर तक ऊंचाई), दुकानें – एचसीएफ, एससीओ व डीएसएस शामिल होंगे। वहीं वे उद्योग भी इसी कैटेगरी में रहेंगे, जिनकी बिल्डिंग की ऊंचाई 30 मीटर तक होगी। Haryana News
जानकारी के मुताबिक, इन पर सरकार ने भरोसा दिखाया है। अब इनका प्रमाणन आर्किटेक्ट द्वारा सेल्फ सर्टिफिकेटेशन मोड में किया जाएगा। वहीं दूसरी दूसरी श्रेणी में उच्च जोखिम वाली बिल्डिंग शामिल रहेंगी। इनमें मल्टीप्लेक्स, ऊंची आवासीय इमारतें, डेटा सेंटर, बड़े कमर्शियल कॉम्प्लेक्स तथा होटल और रिसॉर्ट शामिल हैं। इनका प्रमाणन अब सरकारी अधिकारी नहीं बल्कि थर्ड पार्टी एम्पेनल्ड इंजीनियर/आर्किटेक्ट करेंगे। सरकार केवल मॉनिटर करेगी। Haryana News
बाथरूम और टॉयलेट की जगह तय
मिली जानकारी के अनुसार, नायब सरकार ने पहली बार राज्य ने ईडब्ल्यूएस यानी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के घरों के लिए स्पष्ट नियम तय किए हैं। अब इन घरों में अलग टॉयलेट 0.90 वर्गमीटर से छोटा नहीं होगा। बाथरूम कम से कम 1.20 वर्गमीटर का होगा। यदि दोनों एक साथ हैं तो वह 1.80 वर्गमीटर से छोटा नहीं बनाया जा सकेगा Haryana News
अब और ऊंची और चौड़ी बिल्डिंगें संभव
जानकारी के मुताबिक, एफएआर यानी फ्लोर एरिया रेसो में भी सरकार ने बड़ा बदलाव किया है। इसी से तय होता है कि किसी जमीन के प्लॉट पर कितनी मंजिलें या कितना निर्माण किया जा सकता है। पहले एफएआर सीमित था और बढ़ाने की गुंजाइश कम रहती थी। अब संशोधनों के बाद उद्योगों को 150 प्रतिशत से अधिक एफएआर खरीदने की सुविधा मिलेगी। मिली जानकारी के अनुसार, डेटा सेंटरों के लिए एफएआर 500 प्रतिशत तक उपलब्ध होगा। वहीं कमर्शियल और हॉस्पिटेलिटी सेक्टर के लिए एफएआर की सीमा बढ़ाई गई है। इससे उद्योगों, मॉल, होटल और डेटासेंटर जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निर्माण और निवेश की संभावना बढ़ेगी। Haryana News
होटल, रिसॉर्ट और बैंक्वेट हॉल्स को राहत
मिली जानकारी के अनुसार, हॉस्पिटेलिटी सेक्टर को बड़ा फायदा होगा। पहले निर्माण सीमित था और एफएआर कम मिलता था। अब नये नियम लागू होने से रिसॉर्ट, होटल और मोटल अधिक एफएआर खरीद सकेंगे। ऊंचाई और कवरेज सीमा में ढील दी गई है। यह बदलाव केवल प्रक्रिया आसान करने का नहीं बल्कि सुरक्षा को मजबूत करने का भी है। जानकारी के मुताबिक, अब बड़ी इमारतों में फायर एनओसी अनिवार्य होगी। सोलर पैनल इंस्टॉल करने का प्रमाण-पत्र लेना जरूरी होगा। एनर्जी इफिशिएंसी स्टैंडर्ड अपनाने होंगे। Haryana News
गलत जानकारी छिपाने पर एक्शन
जानकारी के मुताबिक, सरकार ने साफ किया है अगर कोई गलत रिपोर्ट जमा करता है, नियम तोड़कर निर्माण करता है या जानबूझकर जानकारी छुपाता है तो ओसी को रद्द किया जाएगा। संबंधित इंजीनियर या आर्किटेक्ट पर कार्यवाही होगी। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि पूरा सिस्टम अब ऑनलाइन होगा। कुछ भी-दबाकर नहीं रखा जा सकेगा। Haryana News
मिली जानकारी के अनुसार, पहले कई लोगों की फाइलें महीनों दबाई जाती थीं। अब ऐसा संभव नहीं होगा क्योंकि अब हर बिल्डिंग आवेदन, स्वीकृति, ओसी और निरीक्षण रिपोर्ट ऑनलाइन ई-रजिस्टर में सार्वजनिक रूप से दिखेगी।
