Haryana: हरियाणा की महिला कैदियों को बड़ी राहत, जेल विभाग ने लिया ये बड़ा फैसला
डीजी जेल आलोक राय ने बताया कि मां-बच्चे को अलग करने से दोनों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है। कई मामलों में बच्चे या मां अवसाद (डिप्रेशन) में चले जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए यह मानवीय फैसला लिया गया है। अब मां और बच्चा साथ रहेंगे तो भावनात्मक सुरक्षा बनी रहेगी और बच्चों का समुचित विकास हो सकेगा।
17 जेलों में क्रैच
डीजी जेल के मुताबिक जेल विभाग इन बच्चों के लिए जेल परिसर में ही पढ़ाई, पौष्टिक भोजन, स्वास्थ्य जांच और खेलकूद की व्यवस्था कर रहा है। प्रदेश की 17 जेलों में बच्चों के लिए क्रैच बनाए गए हैं जहां उनके खेलने और सीखने का पूरा माहौल उपलब्ध है। बच्चों की उम्र के अनुसार खानपान और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
17 जिलों में महिला वार्ड
हरियाणा की 20 जेलों में से 17 जेलों में महिला वॉर्ड स्थापित हैं। इन जेलों में बंद महिला कैदियों के बच्चों को किसी भी तरह की कमी न हो, इसके लिए महिला स्टाफ और प्रशिक्षित कर्मियों की भी तैनाती की गई है। जेल विभाग का कहना है कि यह फैसला सुधारात्मक और संवेदनशील जेल व्यवस्था की दिशा में एक अहम कदम है।
