पीएम किसान सम्मान निधि नारनौल के नोडल अधिकारी रविंद्र कुमार यादव ने बताया कि योजना की शर्तों के मुताबिक, किसी एक परिवार से केवल एक सदस्य को ही दो हजार रुपये प्रतिमाह का लाभ मिलना चाहिए। मगर जांच में पाया गया कि 44,044 दंपतियों ने गलत जानकारी देकर दोहरा भुगतान प्राप्त किया। विभाग ने निर्णय लिया है कि जिन दंपतियों ने नियमों का उल्लंघन किया है, उनसे पूरी राशि वापस ली जाएगी। राशि की वसूली के बाद ही भविष्य में योजना का लाभ दिया जाएगा।
दोहरी सम्मान निधि लेने के मामलों में नूंह जिला सबसे आगे है, जहां 7,802 दंपती ऐसे पाए गए हैं जिन्होंने गलत तरीके से किस्तें लीं। भिवानी में 3,632 और जींद में 3,284 दंपती फर्जीवाड़े में शामिल मिले हैं। इसके अलावा कैथल में 2,870, महेंद्रगढ़ में 2,384 और सिरसा में 2,456 दंपतियों के मामले सामने आए हैं। इन सभी मामलों की प्रदेश और जिला स्तर पर जांच की जा रही है।
नारनौल के नोडल अधिकारी रविंद्र कुमार यादव ने बताया कि विभाग फर्जीवाड़े में शामिल दंपतियों को चिह्नित कर नोटिस जारी करने की तैयारी में है। उन्होंने कहा कि यदि कोई लाभार्थी अब भी दोहरा लाभ ले रहा है, तो वह स्वयं कार्यालय में आकर जानकारी दे, ताकि उसकी किस्त बंद की जा सके और आगे की कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का उद्देश्य किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत पात्र किसान परिवारों को हर चार महीने में 2,000 रुपये की किस्त दी जाती है। लेकिन फर्जीवाड़े के ऐसे मामलों से न केवल सरकार को आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि असली पात्र किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। विभाग अब इस तरह की अनियमितताओं को रोकने के लिए कड़े सत्यापन नियम लागू करने की तैयारी में है।
