सीबीआई ने पहले ही इस मामले में कोर्ट में चालान दाखिल कर दिया है। हाईकोर्ट से राहत न मिलने के बाद अब विशेष अदालत ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ आरोप तय करेगी और उसके बाद ट्रायल की प्रक्रिया शुरू होगी। जांच में सीबीआई ने कई अनियमितताओं का हवाला देते हुए पूर्व सीएम समेत अन्य आरोपियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
मानेसर लैंड स्कैम की जांच का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था। अदालत ने पाया कि वर्ष 2007 में तत्कालीन हुड्डा सरकार द्वारा अधिग्रहण प्रक्रिया को रद्द करने का फैसला दुर्भावनापूर्ण था और इसे धोखाधड़ी की श्रेणी में रखा गया।
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को बिचौलियों द्वारा कमाए गए अनुचित लाभ की जांच करने और राज्य सरकार को “एक-एक पाई वसूलने” का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब मामले में कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी और विशेष अदालत में ट्रायल शुरू होने की संभावना बढ़ गई है।
