Haryana News: हरियाणा में तहसीलदार पर बड़ी कार्रवाई, देना पड़ेगा 5 हजार का मुआवजा, जानें पूरा मामला

 
 Big action against tehsildar in Haryana, compensation of Rs 5,000 will have to be paid, know the full case
Haryana News: हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने विवाह प्रमाण पत्र जारी करने में चार माह की अनावश्यक देरी के एक मामले में कड़ा संज्ञान लिया है। जिसके चलते हांसी के तहसीलदार और विवाह रजिस्ट्रार पर 1 हजार रुपये का प्रतीकात्मक जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही शिकायतकर्ता को 5 हजार रुपये का मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने यह कार्रवाई सेवा के अधिकार अधिनियम की धारा 17(1)(h) के तहत की है।

जानकारी के मुताबिक, आयोग के प्रवक्ता ने बताया यह मामला हिसार निवासी की ओर से 10 मार्च 2025 को विवाह पंजीकरण के लिए आवेदन देने के उपरांत शुरू हुआ था। विवाह 28 नवंबर 2023 को संपन्न हुआ था और आवेदन माता-पिता की सहमति के साथ विलंबित विवाह पंजीकरण कैटेगरी में किया गया था। दोनों वधू और वर हरियाणा के निवासी हैं और उनके पास वैध फैमिली आईडी मौजूद है, जिससे उनकी आयु और पता की पुष्टि होती है।

उन्होंने बताया कि विवाह रजिस्ट्रार द्वारा जन्म प्रमाण पत्र संलग्न नहीं होने का हवाला देते हुए आपत्ति लगाई गई और प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया। शिकायतकर्ता के अनुसार, तहसील कार्यालय में भौतिक फाइल एवं अतिरिक्त दस्तावेज मांगे गए, जबकि हरियाणा सरकार द्वारा दिनांक 19 जुलाई 2024 को जारी निर्देशों के अनुसार फैमिली आईडी से ही उम्र और पते का सत्यापन किया जाना था और पृथक से कोई दस्तावेज संलग्न करने की आवश्यकता नहीं थी।

आयोग के समक्ष 15 जुलाई को हुई सुनवाई में विवाह रजिस्ट्रार ने स्वीकार किया कि उन्होंने विवाह क्लर्क के बयानों पर भरोसा किया और स्वयं निर्देशों की समीक्षा नहीं की। उन्होंने गलती स्वीकार करते हुए खेद जताया और आश्वस्त किया कि विवाह प्रमाण पत्र उसी दिन जारी कर दिया जाएगा।

आयोग के प्रवक्ता ने बताया आयोग ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए कहा कि विवाह पंजीकरण जैसी सेवा, जिसके लिए 5 से 7 दिन की समय-सीमा निर्धारित है, उसमें चार माह की देरी स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि अधिकारी समय पर निर्देशों का पालन करते तो विवाह प्रमाण पत्र पहले ही जारी हो सकता था।

आयोग ने उपायुक्त हिसार को निर्देश दिए हैं कि हांसी के तहसीलदार एवं विवाह रजिस्ट्रार के जुलाई माह के वेतन से कुल 6 हजार रुपये  की कटौती सुनिश्चित करें, जिसमें 1 हजार रुपये की राशि राज्य कोष में जमा करवाई जाए तथा 5 हजार रुपये की राशि शिकायतकर्ता के बैंक खाते में अंतरित की जाए।

इसके साथ ही आयोग ने सीआरआईडी को निर्देश दिया है कि विवाह रजिस्ट्रारों एवं संबंधित अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण-सह-संवेदनशीलता सत्र का आयोजन शीघ्र किया जाए, जिससे राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों की सही जानकारी फील्ड स्तर तक पहुंच सके।