Haryana News: हरियाणा में दिसंबर तक सौर ऊर्जा से जगमगाएंगे सभी सरकारी भवन, यहां देखें पूरी जानकारी

 
haryana news
 

Haryana News: हरियाणा ने हरित ऊर्जा अपनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाते हुए वित्त वर्ष 2026-27 तक प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना के तहत दो लाख से अधिक रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, 31 दिसंबर, 2025 तक प्रदेश के सभी सरकारी भवनों को बिना किसी केंद्रीय वित्तीय सहायता के सौर ऊर्जा से जगमगाने का भी लक्ष्य है। कुल 122 मेगावाट की अनुमानित सौर क्षमता वाले 4,523 सरकारी भवनों का सर्वेक्षण पहले ही पूरा हो चुका है।

 

यह जानकारी आज यहां मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में हुई राज्य स्तरीय समन्वय समिति (एसएलसीसी) की बैठक के दौरान दी गई। बैठक में योजना की प्रगति और भविष्य की रणनीतियों की समीक्षा की गई।

 

मुख्य सचिव श्री रस्तोगी ने कहा कि हरियाणा ने केवल सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रहा है बल्कि हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि यह हर परिवार, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर तक पहुंचे।

 

ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री ए.के. सिंह ने बताया कि प्रदेश मंे अब तक 30,631 रूफटॉप सोलर (आरटीएस) स्थापित किए जा चुके हैं। राज्य की बिजली वितरण कंपनियां आरटीएस स्थापना में तेजी लाने के लिए विशेष बूस्टर योजनाएँ लाने के लिए काम कर रही हैं। इन संयुक्त प्रोत्साहनों से मध्यम और नौकरीपेशा वर्ग को बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए पर्याप्त वित्तीय सहायता मिलेगी।

 

बैठक में बताया गया कि कैथल जिले का बालू गाँव प्रदेश का पहला आदर्श सौर ग्राम बन गया है, जबकि करनाल और कुरुक्षेत्र में चयन प्रक्रिया चल रही है। गौरतलब है कि आदर्श सौर ग्राम (एमएसवी) कार्यक्रम के तहत हर जिले मंे एक गाँव को सौर ऊर्जा से संचालित आदर्श समुदाय के रूप में विकसित किया जाएगा। इस पहल के तहत 5,000 से अधिक आबादी वाले गाँव 1 करोड़ रुपये की केन्द्रीय वित्तीय सहायता के पात्र हैं। इन आदर्श गाँवों में सोलर स्ट्रीट लाइट, घरेलू प्रकाश व्यवस्था, सौर-आधारित जल प्रणालियां और सौर पंप स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे एक आत्मनिर्भर, 24X7 स्वच्छ ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण हो रहा है।

 

गौरतलब है कि रूफटॉप सोलर को आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए, सरकार द्वारा दोहरी सब्सिडी प्रदान की जा रही है। केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा प्रदान की जाने वाली केन्द्रीय वित्तीय सहायता संयंत्र की स्वीकृति से 15 दिन के अन्दर उपभोक्ता के बैंक खाते सीधे हस्तांतरित कर दी जाती है। इसके अलावा, हरियाणा सरकार भी ‘पहले आओ-पहले पाओ’ आधार पर एक लाख अंत्योदय परिवारों को राज्य वित्तीय सहायता (एसएफए) प्रदान कर रही है। इस दोहरी सब्सिडी से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए स्थापना की प्रारंभिक लागत काफी कम हो जाती है।

 

नागरिक सहायता बढ़ाने और कार्यान्वयन प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए, प्रदेश के बिजली निगमों ने एक एकीकृत ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया है और उप-मंडलों में 280 से अधिक समर्पित हेल्पडेस्क स्थापित किए हैं। क्षमता निर्माण पर भी अधिक ध्यान दिया गया है, जिसमें एनपीटीआई और एनआईईएसबीयूडी द्वारा संचालित विशेष कार्यक्रमों के माध्यम से 703 डिस्कॉम अधिकारियों और विक्रेताओं को प्रशिक्षित किया गया है। इसके अलावा, केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की शिकायत प्रबंधन प्रणाली (जीएमएस) द्वारा राज्य से प्राप्त 1,414 शिकायतों में से 1,164 का सफलतापूर्वक समाधान किया है। इससे उपभोक्ता विश्वास और संतुष्टि में और वृद्धि हुई है।