फास्टैग न होने पर देना होगा सवा गुना शुल्क
सरकार के नए नियमों के अनुसार, जिन वाहनों में फास्टैग नहीं लगा है, उन्हें अब टोल प्लाजा पर सवा गुना (1.25x) शुल्क देना होगा। वहीं, अगर वाहन चालक के पास न तो फास्टैग है और न ही यूपीआई पेमेंट की सुविधा, तो उन्हें दोगुना कैश शुल्क चुकाना पड़ेगा।
डाफी टोल प्लाजा सहित देशभर के टोल बूथों पर इस सिस्टम की तैयारी पूरी कर ली गई है। डाफी टोल पर 14 बूथों पर बारकोड स्कैनिंग सिस्टम इंस्टॉल किया गया है, जिसे 15 नवंबर से चालू किया जाएगा।
31 अक्टूबर तक पूरा होगा बारकोड अपडेट
मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, सभी टोल प्लाजाओं पर 31 अक्टूबर तक बारकोड सिस्टम को अपडेट कर दिया जाएगा। यह फास्टैग की तरह हर लेन में उपलब्ध रहेगा ताकि भुगतान प्रक्रिया डिजिटल और तेज हो सके।
फास्टैग लागू होने के बाद टोल प्लाजा पर अब केवल 7% कैश कलेक्शन होता है, जबकि 93% भुगतान डिजिटल माध्यमों से होता है। नए नियम से यह अनुपात और बेहतर होने की उम्मीद है।
फास्टैग रहेगा सबसे किफायती विकल्प
फास्टैग के जरिए टोल भुगतान करने वाले चालकों को न तो अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है और न ही टोल पर रुकना पड़ता है। जबकि बारकोड स्कैन कर यूपीआई पेमेंट करने वालों को सवा गुना शुल्क देना होगा, जिससे वाहन रुकने पर ईंधन की बर्बादी और समय की देरी दोनों बढ़ेंगे।
