
सुपरफास्ट सफर की तैयारी पूरी
यह एक्सप्रेसवे दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर से शुरू होकर बागपत, शामली, मुज़फ्फरनगर और सहारनपुर से होता हुआ देहरादून तक पहुंचेगा। पहले जहां इस रूट पर यात्रा करने में 5 से 6 घंटे लगते थे, अब यह दूरी मात्र 2 से 2.5 घंटे में पूरी की जा सकेगी। सिक्स-लेन वाला यह हाईवे न सिर्फ रफ्तार का नया अनुभव देगा, बल्कि सफर को और भी आरामदायक और सुरक्षित बना देगा।
एलिवेटेड हाईवे बना गेमचेंजर
इस मेगा प्रोजेक्ट का सबसे अहम हिस्सा है सहारनपुर–देहरादून एलिवेटेड हाईवे। यह सेक्शन अब लगभग पूरा हो चुका है और एक दिशा में ट्रैफिक की अनुमति भी दे दी गई है। अंतिम फिनिशिंग का काम जोरों पर चल रहा है। जैसे ही यह चरण पूरा होगा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन की तारीख घोषित की जाएगी।
प्राकृतिक नजारों के बीच हाई-स्पीड राइड
इस एक्सप्रेसवे की एक खासियत यह भी है कि यहां वाहनों को 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने की अनुमति होगी। सफर के दौरान पहाड़ों, जंगलों और घाटियों के सुंदर नज़ारे यात्रियों को देखने को मिलेंगे। पहले इस मार्ग में बिहारीगढ़ और मोहंड जैसे कठिन रास्तों से गुजरना पड़ता था, जहां ट्रैफिक जाम और लैंडस्लाइड जैसी समस्याएं आम थीं। अब एलिवेटेड स्ट्रक्चर और नदी के ऊपर बने फ्लाईओवर इन सभी समस्याओं का समाधान लेकर आए हैं।
11,800 करोड़ की मेगा परियोजना
करीब 11,868 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे इस एक्सप्रेसवे का निर्माण अक्टूबर 2021 में शुरू हुआ था। हालांकि पर्यावरणीय और तकनीकी कारणों से इसमें कुछ देरी हुई, लेकिन अब 90% कार्य पूरा हो चुका है। उम्मीद है कि नवंबर से दिसंबर 2025 के बीच यह पूरी तरह से चालू हो जाएगा।
कनेक्टिविटी और विकास की नई राह
दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे उत्तर भारत के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक को न केवल तेज और सुरक्षित बनाएगा, बल्कि यह पर्यटन, व्यापार और रोजगार के नए अवसर भी खोलेगा। यह सिर्फ एक सड़क नहीं, बल्कि दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को विकास की एक मजबूत डोर से जोड़ने वाली परियोजना है, जो इन क्षेत्रों को नजदीक लाने का काम करेगी।