क्या HSSC CET 2025 परीक्षा में भी नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला अपनाएगा? जानें स्कोर पर कितना पड़ेगा असर

 
क्या HSSC CET 2025 परीक्षा में भी नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला अपनाएगा? जानें स्कोर पर कितना पड़ेगा असर
HSSC CET 2025: हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने CET 2025 आवेदन के लिए युवाओं को एक मौका और दिया है। HSSC ने आवेदन की तारीख 14 जून तक बढ़ाने का फैसला किया है। इससे पहले CET आवेदन कि आखरी तारीख 12 जून 2025 निर्धारित की गई थी। सरल पोर्टल पर प्रमाण-पत्र बनवाने में तकनीकी समस्याएं लगातार बनी हुई थीं। इससे परेशान आवेदक लगातार CET के लिए आवेदन की तारीख बढ़ाने की मांग कर रहे थे।

HSSC कर सकता है परीक्षा की घोषणा

हरियाणा सरकार ने वीरवार देर रात बयान जारी करके आवेदन की तारीख 14 जून तक बढ़ाने के निर्णय की जानकारी दी है। वहीं शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 16 जून तक बढ़ाई है। ऐसे में CET 2025 के आवेदन खत्म होने के बाद HSSC अब जल्द ही परीक्षा की तारीखों की घोषणा कर सकता है। अगर कैंडिडेट्स की संख्या ज्यादा हुई, तो ये परीक्षा दो शिफ्टों में होगी, और फिर नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला अपनाना पड़ेगा। अब आपके दिमाग में एक सवाल जरीर आया होगा कि ये नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला क्या है, ये क्यों जरूरी है, और इससे आपके नंबरों का क्या होगा? तो आइये जानिए हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

CET 2025 एग्जाम में दो शिफ्टों का डर

हरियाणा CET 2025 के लिए अगर कैंडिडेट्स की संख्या बढ़ी, तो HSSC को परीक्षा दो शिफ्टों में करानी पड़ सकती है। अब सवाल ये है कि दो शिफ्टों में होने वाली परीक्षा में नंबरों का हिसाब कैसे होगा? जवाब है नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला (normalization formula)! ये फॉर्मूला सुनिश्चित करता है कि हर शिफ्ट के पेपर की कठिनाई का असर आपके स्कोर पर न पड़े। लेकिन, क्या ये वाकई इतना आसान है? आइये आपको गहराई से समझाते हैं। HSSC CET 2025

जानें नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला क्या है?

नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला एक ऐसी विधि है, जो अलग-अलग शिफ्टों के पेपरों को एकसमान करती है। जैसे कि एक शिफ्ट में पेपर आसान था, तो स्कोर ज्यादा आएंगे, और दूसरी में कठिन था, तो स्कोर कम। नॉर्मलाइजेशन इस अंतर को खत्म करता है, ताकि सभी कैंडिडेट्स को बराबर मौका मिले। HSSC इसका इस्तेमाल हरियाणा CET 2025 में करेगा, अगर एग्जाम दो शिफ्टों में हुआ। ये फॉर्मूला पेपर की कठिनाई और कैंडिडेट्स की परफॉर्मेंस के आधार पर नंबरों को एडजस्ट करता है। HSSC CET 2025

जानें कैसे काम करता है ये फॉर्मूला

नॉर्मलाइजेशन की जरूरत तब पड़ती है, जब शिफ्टों के पेपरों का कठिनाई स्तर अलग होता है। जैसे कि सुबह की शिफ्ट में पेपर आसान था, और शाम की शिफ्ट में कठिन। तो क्या आसान पेपर वालों को फायदा मिलेगा? नहीं! नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला पेपर की कठिनाई को मापता है। ये स्कोर वितरण और सांख्यिकीय तरीकों से तय करता है कि कौन सा पेपर ज्यादा मुश्किल था। इसके बाद नंबरों को एडजस्ट करता है, ताकि कोई कैंडिडेट नुकसान में न रहे।

पहले भी हुआ था विवाद

हरियाणा में नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले साल 2022 में CET के दौरान HSSC ने इस्तेमाल किया था, क्योंकि लाखों कैंडिडेट्स ने हिस्सा लिया था। लेकिन, ये फॉर्मूला तब विवादों में घिर गया। कई युवाओं ने पंचकूला में HSSC ऑफिस के बाहर धरना दिया, मांग की कि एक पद के लिए एक ही पेपर हो। उनका गुस्सा था कि नॉर्मलाइजेशन से उनके स्कोर और रैंकिंग पर असर पड़ा।