नकली Aadhaar Card वाले अब जरा बचके, UIDAI ने तैयार किया मास्टर प्लान

AI बेस्ड टूल्स का किया जाएगा प्रयोग
आधार एक बेहद जरूरी डॉक्यूमेंट है, जिसका इस्तेमाब बैंकिंग के लेकर मोबाइल कनेक्शन लेने आदि में किया जाता है। खबरों की मानें तो UIDAI के CEO भुवनेश कुमार ने पिछले दिनों बताया कि आधार कार्ड जारी होने के बाद बार-बार जन्मतिथि और बायोमैट्रिक्स बदलने के लिए नए AI बेस्ड टूल्स का यूज किया जाएगा। कई यूजर्स अपने आधार कार्ड में जन्मतिथि से लेकर बायोमैट्रिक्स में बार-बार अपडेट करवाते हैं।
अप्लिकेशन को पूरी तरह किया जाएगा ऑनलाइन
इसके वेरिफिकेशन के लिए UIDAI आधिकारिक डेटाबेस में इन टेक्नोलॉजी का प्रयोग करेगी ताकि गलत और मिक्स्ड बायोमैट्रिक्स वाले आधार कार्ड की पहचान हो सके। वहीं इसके अलावा UIDAI ने आधार अप्लिकेशन को पूरी तरह ऑनलाइन करने की तैयारी की है ताकि डॉक्यूमेंट्स में बदलाव करने की गुंजाइश कम हो सके। इसके अलावा आधार कार्ड का फर्जीवाड़ा रोकने के लिए अन्य कदम भी उठाए जाएंगे।
UIDAI CEO ने उदाहरण के साथ समझाते हुए कहा कि अगर, आपको नौकरी चाहिए तो आप आधार कार्ड में जन्मतिथि को बढ़ाना चाहते हैं। इस तरह के कई फ्रॉड हैं। लोग कई बर्थ सर्टिफिकेट्स यूज करके अपना डेट ऑफ बर्थ अपडेट करा लेते हैं। इसे रोकने की जरूरत है।
क्या है UIDAI की तैयारी?
- बार-बार डेट ऑफ बर्थ बदलने से रोकने के लिए बायोमैट्रिक्स को ओरिजिनल डेटाबेस से मैच कराया जाएगा। इसके लिए AI और मशीन लर्निंग टूल्स का इस्तेमाल किया जाएगा।
- नए आधार कार्ड के लिए अब पूरी तरह से ऑनलाइन अप्लिकेशन फॉर्म भरा जाएगा। इसके लिए डॉक्यूमेंट्स को भी डिजिटली वेरिफाई किया जाएगा।
- फिंगरप्रिंट चेक करने के लिए AI टूल्स का यूज किया जाएगा, जो यूजर के उम्र को चेक करने का काम करेगा।
- बायोमैट्रिक्स जैसे कि फिंगरप्रिंट और फेस लिमिट्स को अपडेट किया जाएगा। केवल सीनियर सिटिजन के लिए ही इसे अपडेट कराने में छूट दी जाएगी। आम यूजर को इसे बार-बार अपडेट करने से रोका जाएगा।
बता दें UIDAI ने इसके अलावा 1.17 करोड़ से ज्यादा आधार कार्ड को निरस्त भी किया है। ये उन लोगों के कार्ड हैं, जिनकी मृत्यु चुकी थी, लेकिन उनके परिजनों ने आधार कार्ड को निरस्त करने के लिए आवेदन नहीं दिया था।