EPFO को लेकर हुआ ये बड़ा ऐलान, नॉमिनी को मिलेगी अब सीधा बेनेफिट
क्लेम रिजेक्ट
EPFO के मुताबिक, पेंशन रेगुलेटर ने यह पाया है कि एंप्लॉयीज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (EDLI) के तहत डेथ के कई क्लेम्स इसलिए रिजेक्ट कर दिए जाते हैं या कम अमाउंट के साथ सेटल किए जाते हैं, क्योंकि सर्विस में छोटा गैप या ब्रेक होता है। जानकारी के मुताबिक, उसने यह भी पाया है कि मेंबर के डेथ से पहले सर्विस में होने के दौरान जरूरी एसेसमेंट नहीं करते हैं।
क्लेम रिजेक्ट
मिली जानकारी के अनुसार, रेगुलेटर ने यह पाया है कि एक एंप्लॉयी ने 12 महीनों से ज्यादा सर्विस पूरा करने के बाद शुक्रवार को नौकरी छोड़ी थी। फिर उसने सोमवार को दूसरी कंपनी में नौकरी शुरू की थी। जानकारी के मुताबिक, इस मामले में शनिवार और रविवार को सर्विस में ब्रेक माना गया। इस वजह से उसे EDLI के बेनेफिट्स का हकदार नहीं माना गया। EPFO ने सर्विस में इस तरह से ब्रेक से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने की कोशिश की है।
ये वजह नहीं
EPFO के सर्कुलर में कहा गया है, " शनिवार, रविवार या पिछले या नए एस्टिब्लेशमेंट में कोई वीकली ऑफ, नेशनल हॉलिडेज, गजेटेड हॉलिडेज, स्टेट हॉलिडेज के बाद सर्विस जारी रहता है तो इसे कंटिन्यूअस सर्विस मानी जाएगी। जानकारी के मुताबिक, शर्त यह है कि EPF एंड एमपी एक्ट, 1952 के तहत आने वाले एक एस्टेब्लिशमेंट से एग्जिट की तारीख और दूसरे एस्टिब्लिशमेंट में ज्वाइनिंग की तारीख सिर्फ इस तरह के ऑफ/हॉलिडेज की वजह से अलग होने चाहिए।"
मिनिमम पेआउट
मिली जानकारी के अनुसार, इसके अलावा 60 दिन तक के गैप के साथ जॉब में बदलाव को कंटिन्यू्अस सर्विस माना जाएगा। EPFO ने EDLI स्कीम के तहत डिपेंडेंट और कानूनी उत्तराधिकारी के मिनिमम पेआउट बेनेफिट को भी बढ़ाकर 50,000 कर दिया गया है। अगर मेंबर ने 12 महीने की कंटिन्यूअस सर्विस पूरी नहीं की है तो भी यह बेनेफिट मिलेगा।
नॉमिनी को बेनेफिट
जानकारी के मुताबिक, अगर मेंबर का पीएफ बैंलेंस 50,000 रुपये से कम है तो भी यह बेनेफिट मिलेगा। अगर मेंबर का निधन उसके अंतिम पीएफ कंट्रिब्यूशन के छह महीने के अंदर हो जाती है तो भी उसे मिनिमम EDLI पेआउट मिलेगा। शर्त यह है कि मेंबर निधन के समय एंप्लॉयर के रोल पर होना चाहिए।
