
मिली जानकारी के अनुसार, GST के बाद अब RBI घर खरीदारों को बड़ी राहत दे सकता है। RBI रेपो रेट में बदलाव कर बैंक की ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। रेपो रेट घटने से बैंकों से मिलने वाला कर्ज सस्ता हो जाएगा। घर, कार खरीदारों की EMI कम हो जाएगी। RBI Repo Rate
बड़ी राहत
जानकारी के मुताबिक, RBI महंगाई दर के निम्न स्तरों पर होने के चलते आने वाले महीनों में एक और बार ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। यह जानकारी मंगलवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई। मिली जानकारी के अनुसार, बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) द्वारा संकलित आंकड़ों में कहा गया है कि हालांकि, अक्टूबर MPC में RBI ने अब तक रेपो रेट को 5.5 % पर अपरिवर्तित रखा है, फिर भी विकास को समर्थन देने के लिए इसमें और ढील दिए जाने की गुंजाइश है। RBI Repo Rate
मिली जानकारी के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया है कि GST दरों में कमी और त्योहारी सीजन में खर्च चालू तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि को गति देने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे। जानकारी के मुताबिक, इन कारकों से उपभोग को मजबूती मिलेगी और वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने में मदद मिलेगी। RBI Repo Rate
रिपोर्ट के मुताबिक, RBI MPC ने अक्टूबर में GST के आर्थिक प्रभाव और टैरिफ के असर को देखने को लिए पॉलिसी के रुख को न्यूट्रल रखते हुए रेपो रेट को यथावत रखा है। RBI Repo Rate
अनुमान
जानकारी के मुताबिक, RBI ने वित्त वर्ष 26 के लिए विकास दर अनुमान को बढ़ाकर 6.8 % कर दिया है, जो कि पहले 6.5 % था। इसके साथ महंगाई दर के अनुमान को 3.1 % से घटाकर 2.6 % कर दिया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि हवाई यात्री यातायात, बंदरगाह माल ढुलाई और रेल माल ढुलाई जैसे उच्च आवृत्ति संकेतकों में नरमी के संकेत मिले हैं, जो गति में थोड़ी मंदी का संकेत देते हैं। RBI Repo Rate
हालांकि, डीजल की खपत, सरकारी खर्च और बैंक ऋण वृद्धि में सुधार दर्ज किया गया है। हाल ही में GST दर में कटौती और त्योहारी सीजन से आने वाले महीनों में मांग को आवश्यक बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। RBI Repo Rate
मिली जानकारी के अनुसार, बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है, जिसका मुख्य कारण मजबूत घरेलू खपत है।