Raxaul Airport: इस जगह बनने जा रहा नया एयरपोर्ट, इन गांवों की जमीनों का होगा अधिग्रहण

62 साल बाद रक्सौल एयरपोर्ट नागरिक उड़ानों के लिए तैयार हो रहा है। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित इस एयरपोर्ट से दोनों देशों को लाभ मिलेगा।
मिली जानकारी के अनुसार, भारत-नेपाल सीमा पर स्थित रक्सौल एयरपोर्ट, जो 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान सेना के विमानों की आपात लैंडिंग के लिए विकसित किया गया था, एक बार फिर चर्चा में है।Raxaul Airport
छह दशक बाद, यह एयरपोर्ट नागरिक सेवाओं के लिए तैयार किया जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकारों की संयुक्त पहल से यह परियोजना तेजी से अपने अंतिम चरण में पहुंच रही है।
अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज
Raxaul Airport के विस्तार के लिए 139 एकड़ नई जमीन अधिग्रहित की जा रही है। पहले से उपलब्ध 137 एकड़ भूमि के साथ यह अधिग्रहण एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के तहत किया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार, भूमि अधिग्रहण के लिए रक्सौल अंचल के छह गांवों, जिनमें चिकनी, सिंहपुर, सिसवा, एकडेरवा, भरतमही और चंदौली शामिल हैं, से लगभग 400 रैयतों की जमीन ली जाएगी। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया इस अधिग्रहित भूमि पर निर्माण कार्य की जिम्मेदारी लेगी।
सहयोग और निगरानी
इस महत्वाकांक्षी परियोजना को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें पूरी तत्परता से काम कर रही हैं। 6 दिसंबर 2024 को राज्य सरकार के मुख्य सचिव की अगुवाई में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। मिली जानकारी के अनुसार, इसके बाद 24 दिसंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ किया कि राज्य सरकार एयरपोर्ट के लिए आवश्यक सभी जमीन उपलब्ध कराएगी।Raxaul Airport
आर्थिक और सुरक्षा लाभ
मिली जानकारी के अनुसार, एयरपोर्ट के निर्माण और नागरिक उड़ानों की शुरुआत से यह क्षेत्र एक प्रमुख आर्थिक केंद्र में बदल जाएगा। भारत-नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से नजदीकी के कारण सुरक्षा प्रबंधन को भी बेहतर किया जा सकेगा। जानकारों का कहना है कि इस एयरपोर्ट के शुरू होने से सटे हुए गांवों और कस्बों को व्यापारिक और औद्योगिक गतिविधियों का लाभ मिलेगा।