New Railway Line : भारतीय रेलवे ने मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र को एक बड़ी सौगात दी है। दोनों शहरों में नई लाइन बिछाई जाएगी। ये लाइन अगले करीब पांच सालों में बनकर तैयार हो जाएगी और लोग इस पर सफर कर सकेंगे। भारतीय रेलवे महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में 176 KM लंबी नई रेल लाइन बिछाने का फैसला किया है।
इससे पर्यावरण और अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा होगा। इस कदम से हर साल 20 करोड़ लीटर तेल की खपत कम होगी और 99 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन घटेगा। यह 4 करोड़ पेड़ लगाने जितना असरदार है। यह रेल लाइन का काम 2030 तक पूरा होने की संभावना हैं।
यहां बिछेंगी लाइन
यहां पर दो लाइनें बिछेंगी, पहली रतलाम-नागदा के बीच तीसरी और चौथी रेल लाइन और दूसरी वर्धा-बल्हारशाह के बीच चौथी रेल लाइन। इन परियोजनाओं की लागत करीब 3,399 करोड़ रुपये होगी।
784 गांवों को जोड़ेंगी लाइन
ये परियोजनाएं पीएम-गति शक्ति योजना का हिस्सा हैं, जो देश में यातायात और माल ढुलाई को बेहतर बनाने के लिए बनाई गई है। ये लाइनें 784 गांवों को जोड़ेंगी, जहां करीब 19.74 लाख लोग रहते हैं।
माल ढुलाई में भी राहत
ये रेल लाइनें कोयला, सीमेंट, कृषि उत्पाद, पेट्रोलियम और कंटेनर जैसे सामानों की ढुलाई के लिए महत्वपूर्ण हैं. इनसे हर साल 18.40 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई हो सकेगी. रेलवे पर्यावरण के लिए बेहतर और ऊर्जा बचाने वाला साधन है. यह तेल आयात और कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद करेगा, जिससे पर्यावरण को लाभ होगा. साथ ही, इन परियोजनाओं से 74 लाख मानव-दिवसों के रोजगार के अवसर मिलेंगे.
ये रेल लाइनें यात्रियों के लिए यात्रा को आसान और तेज बनाएंगी. माल ढुलाई की लागत कम होने से सामान सस्ता और तेजी से पहुंचेगा, जिससे व्यापार और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
