बेहतरीन होगी कनेक्टिविटी
इन सड़कों के निर्माण के बाद UP की कनेक्टिविटी न सिर्फ दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान और बिहार जैसे पड़ोसी राज्यों से मजबूत होगी, बल्कि प्रदेश के पश्चिमी इलाकों से पूर्वांचल तक का सफर भी और तेज़ हो जाएगा। UPEIDA के अधिकारियों के मुताबिक, सभी एक्सप्रेस-वे की डीपीआर, भूमि अधिग्रहण, निर्माण और पूरा करने की टाइमलाइन तय की जा चुकी है। योजना के मुताबिक, 2026 तक प्रदेश देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे नेटवर्क से जुड़ जाएगा।
भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया फरवरी 2026 तक पूरी करने का लक्ष्य
आपको बता दें कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को फर्रुखाबाद के रास्ते नए लिंक एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा, जिसकी भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया फरवरी 2026 तक पूरी करने का लक्ष्य है। वहीं, चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे को अगस्त 2027 तक तैयार करने की योजना है। इसके अलावा, राजधानी लखनऊ की सीमा पर बन रहा लिंक एक्सप्रेस-वे आगरा-लखनऊ और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोड़ने का काम करेगा। इसका अलाइनमेंट फाइनल हो चुका है और फरवरी तक भूमि अधिग्रहण शुरू हो जाएगा।
1500 KM से अधिक का होगा नेटवर्क
यूपी एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA)की कार्ययोजना के मुताबिक, जेवर लिंक, झांसी लिंक, मेरठ-हरिद्वार, नोएडा-जेवर, चित्रकूट-रीवा, विध्य एक्सप्रेस-वे और विध्य-पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के अलाइनमेंट और एस्टिमेट इस साल नवंबर से लेकर फरवरी तक तैयार कर लिए जाएंगे। प्रस्तावित सभी प्रोजेक्ट्स को मिलाकर कुल लंबाई 1500 किलोमीटर से अधिक होगी।
सफर होगा आसान
नए एक्सप्रेस-वे नेटवर्क से न केवल शहरों के बीच यात्रा का समय घटेगा, बल्कि माल ढुलाई और ट्रांसपोर्ट सेक्टर को भी नई ताकत मिलेगी। एक्सप्रेस-वे के साथ जुड़े लिंक रोड और रिंग रोड शहरों को सीधे जोड़ेंगे, जिससे ट्रैफिक का दबाव भी घटेगा।
