Land Registry: जमीन रजिस्ट्री को लेकर बड़ा अपडेट! अब इन डॉक्यूमेंट के बिना नहीं होगी रजिस्ट्री

 
Big update regarding land registry!

Land Registry: भारत में ज़मीन का पंजीकरण हमेशा से ही संपत्ति की खरीद-बिक्री में सबसे महत्वपूर्ण कानूनी प्रक्रिया मानी जाती रही है। यह न केवल आपको संपत्ति के स्वामित्व का आधिकारिक प्रमाण देता है, बल्कि विवादों से भी बचाता है। अब सरकार ने इस प्रक्रिया को और आधुनिक, तेज़ और डिजिटल बनाने के लिए नए ज़मीन पंजीकरण नियम लागू किए हैं। ये नियम 1 जनवरी, 2025 से पूरे देश में लागू हो गए हैं। आइए जानते हैं क्या है ये नियम और इसके क्या फायदे हैं -

नए ज़मीन पंजीकरण नियम

भारत सरकार ने ज़मीन पंजीकरण से जुड़े पुराने नियमों में एक बड़ा बदलाव जारी किया है। यह नया कानून 1908 के पंजीकरण अधिनियम की जगह लाया गया है। इसका उद्देश्य पूरे देश में ज़मीन या संपत्ति के पंजीकरण के लिए एक आधुनिक, डिजिटल और पारदर्शी पंजीकरण प्रणाली लागू करना है। भारत सरकार ने ये बदलाव मुख्य रूप से पारदर्शिता, सुरक्षा और सुविधा के लिए किए हैं -

1. ऑनलाइन पंजीकरण

अब ज़मीन या संपत्ति का पंजीकरण ऑनलाइन होगा। सभी दस्तावेज़ सरकारी पोर्टल पर अपलोड किए जाएँगे। रजिस्ट्रार कार्यालय जाने की ज़रूरत नहीं होगी। डिजिटल हस्ताक्षर और प्रमाणपत्र तुरंत उपलब्ध होंगे। इससे प्रक्रिया तेज़ होगी और पूरी तरह से ट्रैक की जा सकेगी।

2. संपत्ति को आधार कार्ड से जोड़ना

अब हर संपत्ति की रजिस्ट्री को आधार कार्ड से जोड़ना अनिवार्य है। बायोमेट्रिक सत्यापन से धोखाधड़ी रुकेगी। अवैध संपत्तियों की पहचान आसानी से हो सकेगी। हर खरीदार और विक्रेता का डिजिटल रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा।

3. वीडियो रिकॉर्डिंग

पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी, जो सबूत का काम करेगी। किसी भी विवाद या अदालती मामले में यह सबूत का काम करेगी। ऐसा करने से पारदर्शिता बढ़ेगी और विवाद कम होंगे।

चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका

अब आपको भारत में संपत्ति पंजीकरण कराने के लिए बार-बार रजिस्ट्री कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं है। आप नीचे दिए गए चरणों का पालन करके आसानी से अपनी संपत्ति का पंजीकरण करा सकते हैं -

चरण 1: सबसे पहले आपको सरकारी पोर्टल पर लॉग इन करना होगा (हर राज्य का पोर्टल अलग होता है)। यहाँ से आपको संपत्ति पंजीकरण आवेदन ऑनलाइन भरना होगा।

चरण 2: संपत्ति से संबंधित सभी स्कैन किए गए दस्तावेज़ जैसे - बिक्री विलेख, स्वामित्व के कागजात, पैन, आधार कार्ड - पोर्टल पर अपलोड करने होंगे।

चरण 3: अब आप यूपीआई, नेट बैंकिंग, डेबिट/क्रेडिट कार्ड के माध्यम से स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क का भुगतान कर सकते हैं। नकद भुगतान की अनुमति नहीं होगी।

चरण 4: आपके द्वारा जमा किए गए दस्तावेज़ों का सरकारी अधिकारियों द्वारा ऑनलाइन सत्यापन किया जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी।

चरण 5: दस्तावेज़ सत्यापन पूरा होने के बाद, आपको बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए एक निश्चित तिथि दी जाएगी।

चरण 6: निर्धारित तिथि पर, आपको रजिस्ट्री कार्यालय जाकर फ़िंगरप्रिंट स्कैन और आधार प्रमाणीकरण करवाना होगा। इससे धोखाधड़ी की संभावना समाप्त हो जाएगी।

चरण 7: रजिस्ट्रार आपके सभी दस्तावेज़ों पर डिजिटल हस्ताक्षर करेगा। इस पूरी प्रक्रिया को रिकॉर्ड भी किया जाएगा ताकि भविष्य में विवाद की स्थिति में इसका उपयोग किया जा सके।

चरण 8: अंतिम चरण में, आपको संपत्ति पंजीकरण प्रमाणपत्र ऑनलाइन यानी डिजिटल दस्तावेज़ जारी किया जाएगा। आप इसे अपने सिस्टम या मोबाइल पर सुरक्षित रख सकते हैं।