PNB बैंक को बड़ा झटका! हुआ ₹2,434 करोड़ का फ्रॉड, जानें कैसे ?
बैंक ने 'बरोइंग फ्रॉड' की श्रेणी में रखा
पहला श्रेय इक्विपमेंट फाइनेंस लिमिटेड – इसमें 1,241 करोड़ रुपये का गबन। दूसरा श्रेय इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड-इसमें 1,193 करोड़ रुपये का गबन हुआ है। इन दोनों को जोड़ने पर कुल रकम 2,434 करोड़ रुपये होती है। बैंक ने इसे 'बरोइंग फ्रॉड' की श्रेणी में रखा है। इसका मतलब है कि कर्ज लेने या उसके इस्तेमाल में बड़ी हेराफेरी हुई है।
जानें कैसे हुआ फ्रॉड?
साधारण भाषा में समझें तो, जब कोई कंपनी बैंक से किसी प्रोजेक्ट के लिए कर्ज लेती है, लेकिन वह पैसा उस प्रोजेक्ट में खर्च न करके कहीं और लगाती है, तो इसे फ्रॉड माना जाता है। आपको बता दें कि श्रेय ग्रुप की शुरुआत 1989 में हुई थी और यह मुख्य रूप से निर्माण कार्यों में इस्तेमाल होने वाली मशीनों को फाइनेंस करती थी। समय के साथ कंपनी पर कर्ज का बोझ बढ़ गया और वह उसे लौटाने में असमर्थ हो गई।
हालात इतने बिगड़े कि अक्टूबर 2021 में RBI को दखल देना पड़ा, और कंपनी के बोर्ड को भंग कर दिया गया था। बाद में National Asset Reconstruction Company (NARCL) के जरिए समाधान योजना को मंजूरी मिली, लेकिन जांच अभी भी जारी है।
क्या बैंक पर असर पड़ेगा?
किसी भी बड़े फ्रॉड की खबर से खाताधारकों में चिंता होना स्वाभाविक है। लेकिन इस मामले में PNB ने पहले ही 100% प्रोविजनिंग कर रखी थी, यानी बैंक ने अपने मुनाफे में से इतनी रकम अलग रख दी थी ताकि अगर पैसा वापस न भी मिले, तो बैंक की आर्थिक स्थिति पर कोई असर न पड़े। बैंक का प्रोविजन कवरेज रेश्यो (PCR) लगभग 97% है, जो यह दर्शाता है कि बैंक अब भी मजबूत स्थिति में है।
बता दें कि यह कॉरपोरेट लोन फ्रॉड है, ट्रेड फाइनेंस नहीं। राहत की बात यह है कि बैंक ने समय रहते इसे पहचान लिया और नियामक संस्था को रिपोर्ट कर दिया।
