चंडीगढ़: हरियाणा में गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवनयापन करने वाले परिवारों की संख्या में चिंताजनक बढ़ोतरी देखी गई है। करीब 3 करोड़ की जनसंख्या वाले राज्य में बीपीएल परिवारों की संख्या 51 लाख 83 हजार 253 तक पहुंच चुकी है। अगर एक परिवार में औसतन चार सदस्यों को आधार माना जाए तो प्रदेश में दो करोड़ से अधिक लोग बीपीएल श्रेणी में आ चुके हैं। इस मुद्दे पर विधानसभा में जोरदार बहस हुई।
बीपीएल संख्या को लेकर सरकार से मांगी गई रिपोर्ट
बुधवार को कांग्रेस विधायक पूजा ने विधानसभा में यह मामला उठाया और सरकार से पिछले पांच वर्षों के आंकड़े प्रस्तुत करने की मांग की। उन्होंने जानना चाहा कि बीपीएल परिवारों की संख्या में इतनी वृद्धि क्यों हुई और सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए क्या कदम उठाए हैं।
हरियाणा में बीपीएल परिवारों की संख्या में हुआ बड़ा इजाफा
इस पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि:
- वर्ष 2020-21: बीपीएल परिवारों की संख्या 8,67,328 थी।
- वर्ष 2021-22: यह बढ़कर 8,78,329 हो गई।
- वर्ष 2022-23: सरकार द्वारा नागरिक संसाधन सूचना विभाग (CRID) के गठन के बाद, बीपीएल परिवारों की संख्या 32,69,029 तक पहुंच गई।
- वर्ष 2023-24: यह संख्या बढ़कर 44,91,012 हो गई।
- वर्ष 2024-25: CRID की रिपोर्ट के अनुसार बीपीएल परिवारों की संख्या 51,83,253 दर्ज की गई।
क्यों बढ़ रही है बीपीएल परिवारों की संख्या?
हरियाणा में बीपीएल परिवारों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि सरकार की नीतियों और आर्थिक हालात पर सवाल खड़े कर रही है।
- बेरोजगारी और आर्थिक अस्थिरता के कारण लोग गरीबी रेखा के नीचे आ रहे हैं।
- कोविड-19 महामारी के बाद आर्थिक स्थिति में गिरावट आई, जिससे बीपीएल परिवारों की संख्या में उछाल देखने को मिला।
- CRID द्वारा किए गए डिजिटल सर्वे के बाद कई नए परिवारों को बीपीएल सूची में जोड़ा गया, जिससे आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई।
सरकार के प्रयास और विपक्ष के सवाल
राज्य सरकार का दावा है कि नए डिजिटल सर्वे के कारण बीपीएल परिवारों की सही संख्या सामने आई है। वहीं, विपक्ष सरकार को घेरते हुए पूछ रहा है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि बीपीएल परिवारों की संख्या 5 गुना तक बढ़ गई?
कांग्रेस विधायक पूजा ने सरकार पर विफल नीतियों का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर बीपीएल परिवारों की संख्या इतनी तेजी से बढ़ रही है, तो इसका मतलब है कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था कमजोर हो रही है और सरकारी योजनाएं असफल साबित हो रही हैं।
क्या कहती है सरकार?
मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और बीपीएल परिवारों को राहत देने के लिए कल्याणकारी योजनाओं को मजबूत किया जा रहा है।
- सरकार गरीब परिवारों को सस्ता राशन, आवास और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने पर जोर दे रही है।
- नई नौकरियों और स्वरोजगार योजनाओं के जरिए लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है।
हरियाणा में बीपीएल परिवारों की बढ़ती संख्या सरकार और विपक्ष दोनों के लिए बड़ा मुद्दा बन गई है। जहां सरकार इसे नई गणना प्रणाली का नतीजा बता रही है, वहीं विपक्ष इसे आर्थिक अस्थिरता और सरकार की नीतियों की विफलता मान रहा है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गर्मा सकता है, क्योंकि लाखों परिवार अब सरकारी योजनाओं और राहत पैकेज पर निर्भर हैं।