सिरसा। एक चौंकाने वाले फर्जीवाड़े के मामले में न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी (JMFC) गगनदीप गोयल ने एक वकील को फर्जी तलाक डिक्री हासिल करने के आरोप में दोषी ठहराया है। बठिंडा के एडवोकेट कमलजीत बंसल ने अदालत को गुमराह करते हुए एक दूसरी महिला को अपनी पत्नी बताकर तलाक प्राप्त किया, जिसके चलते उन्हें तीन साल की सजा और 15,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
एडवोकेट बक्शीश सिंह थिंड ने सिरसा सिटी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद IPC की विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई। जांच में सामने आया कि कमलजीत ने न्यायिक प्रक्रियाओं में हेरफेर कर अपने साथी वकीलों को धोखा दिया और फर्जी तलाक डिक्री प्राप्त की।
पत्नी की जगह पेश की गई दूसरी महिला
मामला तब शुरू हुआ जब कमलजीत की पत्नी एडवोकेट रीमा को संपत्ति में अपने हिस्से से वंचित करने के लिए दबाव डाला गया। बाद में कमलजीत ने उसे घर से निकाल दिया और फर्जी पता देकर तलाक के लिए अदालत में याचिका दायर की। रीमा को मामले की जानकारी दिए बिना, उसने दूसरी महिला को अदालत में अपनी पत्नी के रूप में पेश कर दिया।
जांच में हुआ खुलासा
कमलजीत को इस फर्जी तलाक के लिए सिरसा के वकील बक्शीश सिंह थिंड और नरेंद्र सेन का सहयोग मिला। यह गड़बड़ी तब उजागर हुई जब रीमा को पता चला कि कमलजीत ने दोबारा शादी कर ली है।
इसके बाद, रीमा ने सेशंस जज से शिकायत की, जिसके बाद जांच का आदेश दिया गया। पूछताछ में दोनों वकीलों ने स्वीकार किया कि अदालत में पेश की गई महिला रीमा नहीं थी।
अदालत ने सुनाई सजा
अदालत ने इस मामले को गंभीर धोखाधड़ी मानते हुए कमलजीत बंसल को तीन साल की कैद और 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया। इस मामले के सामने आने के बाद कानूनी बिरादरी में हड़कंप मच गया है और न्यायिक प्रक्रिया की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं।