Haryana: हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए बड़ा ऐलान किया हैं। CM ने राज्य में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कई तरह की योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं के तहत भूमिहीन किसानों को जमीन से लेकर खेती और आगे के कामों के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती को लेकर बताया कि इस बार बजट में इसे लेकर प्रावधान किया गया है। CM ने बताया कि प्राकृतिक व जैविक खेती से उपजे अनाज के लिए गुरुग्राम में एक विशेष मंडी स्थापित की जाएगी। इसके साथ ही प्राकतिक व जैविक फल-सब्जियों के लिए हिसार में ऑर्गेनिक मंडी भी बनाई जाएगी। इन मंडियों में जांच के लिए लैब भी बनाई जाएगी। इसके अलावा कैथल के खंड-पूंडरी में कृषि विभाग की 53 एकड़ भूमि प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को नीलामी में दी जाएगी।
इन किसानों को मिलेगी जमीन
CM सैनी ने बताया कि राज्य की सभी पंचायतों के पास उपलब्ध कुल पंचायती भूमि में से 10 प्रतिशत जमीन या फिर कम से कम 1 एकड़ जमीन प्राकृतिक खेती के लिए आरक्षित की जाएगी। यह जमीन सिर्फ भूमिहीन किसानों को नीलामी के माध्यम से दी जाएगी। सरकारी जमीन या पंचायती जमीन पर जो भी किसान नैचुरल फार्मिंग करेगा, उन्हें भी प्राकृतिक खेती योजना के तहत प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
किसान को मिलेंगे 20 हजार रुपये
प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को कच्चे माल के भंडारण और प्रोसेसिंग के लिए 4 ड्रम खरीदने के लिए 3000 रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा देसी गाय की खरीद पर 30 हजार की सब्सिडी मिलेगी। हालांकि सरकार की ओर से इस संबंध में पहले भी घोषणा की जा चुकी है। इसके अलावा नैचुरल फार्मिंग के उत्पादों को बाजार में बेचने, उनकी ब्रांडिंग, मार्केटिंग और पैकेजिंग के लिए हर किसान को 20 हजार रुपये मिलेंगे।
जानें क्या है योजना
केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को बिना कीटनाशक, बिना दवाओं के फसल उगाने के लिए प्रेरित करने में लगी हुई है। इसमें रसायनों का बिल्कुल भी उपयोग नहीं होता है और नैचुरल तरीके से ही खेती की जाती है। हालांकि इसमें जैविक खाद जैसे केंचुए की खाद वगैरह का इस्तेमाल होता है। साथ ही फसल चक्र के अनुसार खेती की जाती है। स्वास्थ्य के लिहाज से यह खेती काफी फायदेमंद है क्योंकि इसके जरिए हमारे खाने की थाली से जहरीले रसायन हट जाएंगे।