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Viral News: पुलिस की गाड़ियों पर लाल और नीली बत्ती ही क्यों होती है? जानिए इसके पीछे की वजह

 
Viral News: आपने अक्सर पुलिस की गाड़ियों पर लाल और नीले रंग की बत्तियां देखी होंगी। भारत ही नहीं, दुनियाभर में यही रंग पुलिस और आपातकालीन सेवाओं के वाहनों में उपयोग किए जाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर हमेशा लाल और नीली बत्तियों का ही इस्तेमाल क्यों किया जाता है? फिर पीला, हरा या कोई और रंग क्यों नहीं? चलिए, इसके पीछे की वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक वजहों को समझते हैं।

लाल रंग

लाल रंग की तरंगदैर्घ्य (wavelength) बाकी रंगों की तुलना में सबसे लंबी होती है। इस कारण यह कोहरे, धूल, बारिश और धुंध जैसी कम विजिबिलिटी वाली स्थितियों में भी साफ-साफ दिखाई देता है।

लाल रंग को आमतौर पर खतरे, चेतावनी और इमरजेंसी से जोड़ा जाता है। यही वजह है कि इसका उपयोग लोगों को अलर्ट करने के लिए किया जाता है।

नीला रंग

नीले रंग की तरंगदैर्घ्य कम होती है, जिससे यह दिन के उजाले और रोशनी भरे माहौल में भी साफ दिखता है। यह रंग आंखों को तुरंत आकर्षित करता है और भीड़ या ट्रैफिक में भी लोगों का ध्यान खींचता है। नीला रंग प्राधिकरण, अनुशासन और भरोसे को दर्शाता है, इसलिए पुलिस और आपातकालीन सेवाओं से इसका संबंध जोड़ा जाता है।

दिन और रात दोनों समय में असरदार

लाल और नीले रंग की बत्तियों का एक साथ उपयोग इसलिए किया जाता है ताकि दिन में नीली बत्ती ज्यादा प्रभावी हो और रात या धुंध में लाल बत्ती बेहतर विजिबिलिटी दे।

एंबुलेंस में भी होते हैं ये रंग

यह सिर्फ पुलिस की गाड़ियों तक सीमित नहीं है। एंबुलेंस, दमकल और अन्य इमरजेंसी वाहनों में भी यही रंग इस्तेमाल किए जाते हैं ताकि वे ट्रैफिक में आसानी से पहचाने जा सकें और उन्हें रास्ता दिया जा सके।

दूसरे रंग क्यों नहीं?

पीला/हरा रंग ट्रैफिक सिग्नल्स में पहले से उपयोग हो रहे हैं। इन रंगों की विजिबिलिटी सीमित होती है और वे अलर्ट या आपात स्थिति को उतनी प्रभावी तरह से दर्शा नहीं पाते।