Success Story: भावना चौधरी बनीं BSF एयर विंग की पहली महिला इंजीनियर, अपनी मेहनत के दम पर रचा कीर्तिमान
50 साल के इतिहास में पहली बार
बीएसएफ की स्थापना 1969 में हुई थी और तब से इसकी एयर विंग गृह मंत्रालय के अधीन एविएशन यूनिट का संचालन कर रही है। लेकिन इन 50 वर्षों में कभी भी कोई महिला फ्लाइट इंजीनियर नहीं बनी थी। भावना चौधरी ने इस लंबे इंतजार को खत्म करते हुए एक नया अध्याय जोड़ा है। यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे गांव और देश के लिए गर्व का विषय है।
कौन हैं भावना चौधरी?
भावना उत्तर प्रदेश के मुतैना गांव की रहने वाली हैं। उनका परिवार भी सेवा क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। उनके पिता ब्रजेश पाल सिंह और छोटे भाई निर्दोष चौधरी यूपी पुलिस में उपनिरीक्षक हैं, जबकि बड़े भाई शिवम चौधरी डॉक्टर हैं। भावना लंबे समय से अपने पिता के साथ गाजियाबाद में रह रही थीं और यहीं से उन्होंने अपनी उड़ान की तैयारी की।
कठिन ट्रेनिंग से मिली सफलता
बीएसएफ की एयर विंग में शामिल होने के लिए भावना को बेहद कठोर तकनीकी और उड़ान प्रशिक्षण से गुजरना पड़ा। दो महीने की ट्रेनिंग के दौरान उन्हें लगभग 130 घंटे की गहन ट्रेनिंग दी गई। प्रशिक्षण के दौरान भावना ने बाढ़ प्रभावित राज्यों, खासकर पंजाब में राहत और बचाव अभियानों में भी हिस्सा लिया। इसके साथ ही उन्होंने उड़ानों की तैयारियों की जिम्मेदारी भी निभाई।
भावना के पिता ने बेटी की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया और कहा कि यह उसकी मेहनत, अनुशासन और समर्पण का नतीजा है। वहीं भावना ने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और परिवार को दिया, जिन्होंने हर मोड़ पर उनका साथ दिया।
इंस्पेक्टर भावना चौधरी की यह उपलब्धि महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम है। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि कोई भी मुकाम महिलाओं की पहुंच से दूर नहीं है। उनकी यह उपलब्धि देशभर की लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी, जो भविष्य में सेना और तकनीकी क्षेत्रों में अपना करियर बनाना चाहती हैं।