{"vars":{"id": "128336:4984"}}

Maruti की पहली कार कब  हुई थी लॉन्च? आखिर कौन था पहला खरीददार, यहां जानें पूरी हिस्ट्री 

 
Maruti First Car Launch : भारत की दिग्गज कार निर्माता कंपनी मारुति ने अपनी पहली कार मारुति 800 को 14 दिसंबर 1983 को लॉन्च किया था। इस कार की लॉन्चिंग दिल्ली में हुई थी। इस मौके पर पूर्व PM इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिवंगत नारायण दत्त तिवारी मौजूद थे। मारुति के इस कार के पहले ग्राहक दिल्ली के निवासी हरपाल सिंह थे, जिन्हें इंदिरा गांधी ने कार की चाबी सौंपी थी। इंदिरा गांधी खुद मारुति की पहली कार 800 की चाबी हरपाल सिंह को सौंपते वक्त काफी भावुक हो गई थीं। उस समय इंदिरा गांधी ने कहा था, ‘मैं चाहती हूं कि यह कार भारत के आम लोगों के काम आए। 

संजय गांधी का मारुति से था गहरा रिश्ता 

इंदिरा गांधी के दूसरे और छोटे बेटे संजय गांधी का मारुति से गहरा रिश्ता था। संजय गांधी ने भारत के आम आदमी के लिए कार का सपना देखा था। इसके लिए उन्होंने मारुति उद्योग से संपर्क किया था, लेकिन सपना पूरा होने से पहले ही एक हादसे में उनका निधन हो गया। इसके बाद उनका यह सपना पूरा होता नजर नहीं आ रहा था। 

संजय गांधी के जन्मदिन पर की गई थी लॉन्च 

ऐसे में, इंदिरा गांधी ने उसे आगे बढ़ाना शुरू कर दिया और वह लम्हा भी आ गया, जब 1983 में मारुति की पहली कार 800 हरपाल सिंह के हाथों बेची गई। इस कार को संजय गांधी के जन्मदिन 14 दिसंबर के दिन वर्ष 1983 को लॉन्च की गई। बाद के सालों में यह कार देश-दुनिया में काफी लोकप्रिय हुई और टॉप सेलिंग कारों में से एक बन गई। 

जानें हरपाल सिंह ने कितने रुपयों में खरीदी थी मारुति 800 कार

दिल्ली के निवासी हरपाल सिंह और उनकी पत्नी गुलशनबीयर कौर ने 13 दिसंबर 1983 को लॉन्चिंग के समय केवल 47,500 रुपये में मारुति 800 कार को खरीदी थी। पूर्व PM इंदिरा गांधी के हाथों मारुति 800 कार की पहली चाबी मिलने का गौरव प्राप्त हुआ। इतना ही नहीं, 1980 के दशक में इस कार ने देश में क्रांति ला दी थी और भारतीय मध्यम वर्ग के लिए मारुति 800 स्टेटस् सिंबल का प्रतीक बन गई। 

यह ध्यान देने वाली बात है कि पहली मारुति 800 हरियाणा में स्थित एक प्लांट में बनाई गई थी। यह कार हरपाल सिंह के निधन के समय 2010 तक उनके पास रही थी। उस कार का रजिस्ट्रेशन नंबर डीआईए 6479 था। अब मारुति की इस पहली यूनिट को कंपनी के मुख्यालय में प्रदर्शन के लिए रखा गया है। 

मारुति से जगदीश खट्टर का गहरा नाता 

बताया जाता है कि मारुति का भारत में टॉप ब्रांड बनाने के पीछे इंदिरा गांधी और संजय गांधी के अलावा जिनका सबसे बड़ा हाथ है, उनका नाम जगदीश खट्टर है। वे वर्ष 1993 से लेकर 2007 तक मारुति के प्रबंध निदेशक बने रहे। मारुति का प्रबंध निदेशक बनने से पहले जगदीश खट्टर भारत सरकार के प्रशासनिक सेवा अधिकारी (आईएएस अफसर) थे। जिस समय उन्होंने मारुति का हाथ थामा, उस समय उनके पास करीब 37 साल का अनुभव था। 

साल 1993 में उन्होंने मार्केटिंग डायरेक्टर के तौर पर कंपनी में नियुक्त किए गए थे। इसके बाद 1999 में वह कंपनी के पहले प्रबंध निदेशक बने। इस पद के लिए सरकार ने उन्हें नामित किया था। इसके बाद 2002 में वह सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन के लिए नामित किए गए थे। अक्टूबर 2007 में मारुति से रिटायर होने के बाद जगदीश खट्टर ने खुद का वेंचर कार्नेशन ऑटो लॉन्च किया, जो कि एक मल्टीब्रांड ऑटोमोबाइल सर्विस नेटवर्क है और यूज्ड कार बिजनेस में भी डील करता है।