हरियाणा में बिजली विभाग की आएगी ये नई स्कीम, कर्मचारियों और रेगुलर बिल भरने वालों की होगी बल्ले बल्ले
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने निर्देश दिए कि राज्य के सभी सरकारी भवनों—जैसे स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, कार्यालय, गोदाम आदि—पर रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाए जाएं, ताकि राज्य को हरित ऊर्जा की ओर तेजी से अग्रसर किया जा सके।
मुख्यमंत्री सिविल सचिवालय में ऊर्जा (पावर) क्षेत्र से संबंधित बजट घोषणाओं की उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
घर घर रुफटॉप सोलर सिस्टम लगाने की तैयारी
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की प्रगति की समीक्षा की और अधिकारियों को राज्य में घर-घर रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने योजना के मासिक उपलब्ध आंकड़ों की भी जानकारी ली और सख्त मॉनिटरिंग और जवाबदेही सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने राज्यभर में बड़े पैमाने पर अक्षय ऊर्जा के लिए सोलर पार्क विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने राज्य की प्रमुख सड़कों और राजमार्गों से पुराने और खराब बिजली खंभों को तुरंत हटाने के भी आदेश दिए, ताकि सार्वजनिक सुरक्षा बढ़े और सड़क सौंदर्य में सुधार हो।
कर्मचारियों और रेगुलर बिल भरने वालों की होगी मौज
हरियाणा पॉवर जनरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीजीसीएल) के चेयरमैन श्री श्यामल मिश्रा ने बताया कि 20 नवंबर 2025 तक राज्य में 42,486 रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन पूरे किए जा चुके हैं। 31 मार्च 2027 तक 2,22,000 रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उन्होंने कहा कि डिस्कॉम ने ‘सौर ऊर्जा प्रोत्साहन योजना’ नाम से एक नई स्कीम भी तैयार की है, जो मुख्यतः राज्य सरकार के कर्मचारियों और नियमित रूप से बिजली बिल जमा करवाने वाले उपभोक्ताओं के लिए है। योजना को राज्य सरकार के अनुमोदन हेतु भेजा गया है और वर्तमान में विचाराधीन है। इसके लागू होने पर, राज्य में रूफटॉप सोलर को लगवाने का कार्य तेजी से बढ़ेगा और निर्धारित आरटीसी लक्ष्यों को प्राप्त करने में बड़ी मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश देते हुए कहा कि राज्य में प्रत्येक घर तक निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ऊर्जा क्षेत्र के सभी लक्ष्यों को निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ऊर्जा सुरक्षा आर्थिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हर लंबित परियोजना को बिना देरी के आगे बढ़ाया जाए।
बैठक में विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हरियाणा में अगले 7 वर्षों में 24,000 मेगावाट बिजली उपलब्धता सुनिश्चित कर 100% उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री को बताया गया कि यमुनानगर में 800 मेगावाट अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल यूनिट का कार्य बीएचईएल के सहयोग से शुरू हो गया है।
बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, एचपीजीसीएल के एमडी डॉ. साकेत कुमार, यूएचबीवीएन के एमडी श्री मनीराम शर्मा तथा ऊर्जा विभाग एवं डिस्कॉम के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।