Haryana: हरियाणा परिवार पहचान पत्र में अब ये रिकॉर्ड होंगे लिंक, जानें क्या है सरकार की प्लानिंग
किस डेटा को किया जाएगा एकीकृत?
सरकार जिन जानकारियों को पीपीपी के साथ जोड़ने जा रही है, उनमें भूमि स्वामित्व रिकॉर्ड, आयकर रिटर्न (ITR), स्रोत पर कर कटौती (TDS), बैंक खातों की जानकारी और अन्य वित्तीय लेनदेन शामिल हैं।
फिलहाल परिवार पहचान पत्र केवल एक आधार नंबर और एक लाभार्थी बैंक खाता से जुड़ा होता है। अब दूसरे चरण में इसे विस्तार देते हुए प्रत्येक परिवार की पूरी वित्तीय और संपत्ति संबंधी जानकारी को भी जोड़ा जाएगा।
PPP कार्यक्रम के स्टेट कोऑर्डिनेटर सतीश खोला ने जानकारी देते हुए बताया कि योजना की उच्चस्तरीय समीक्षा पूरी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक 76 लाख से अधिक परिवार पहचान पत्र बनाए जा चुके हैं, जिनमें से 40 लाख बीपीएल श्रेणी में आते हैं। भूमि अभिलेख और आयकर डेटा को पीपीपी से जोड़ने से सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों की पहचान और चयन में पारदर्शिता आएगी।
अब तक आय और पात्रता का निर्धारण केवल आय प्रमाण पत्र, आधार और कुछ अन्य दस्तावेजों के आधार पर होता था, जो अक्सर सटीक नहीं होते थे। नई व्यवस्था में CBDT और भूमि रिकॉर्ड जैसे प्रामाणिक स्रोतों से डेटा लेकर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वास्तव में ज़रूरतमंदों को ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिले।
एआई आधारित सिस्टम का भी होगा उपयोग
सरकार के अनुसार, सरकारी विभागों के पास पहले से ही डिजिटल रूप में डेटा का विशाल भंडार मौजूद है। अब इन डेटा स्रोतों को एकीकृत कर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित विश्लेषण प्रणाली का उपयोग किया जाएगा, जिससे पात्रता का आकलन स्वचालित और सटीक हो सकेगा।