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Haryana News: हरियाणा में कृषि भूमि में होने वाली व्यावसायिक गतिविधियों पर वसूला जाएगा शुल्क, सैनी कैबिनेट में लिया जा सकता है बड़ा फैसला

 
Haryana News: हरियाणा में कृषि इलाकों में होने वाली व्यावसायिक गतिविधियों पर बाह्य विकास शुल्क (EDC) वसूलने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने एक प्रस्ताव बनाकर CM कार्यालय के पास भेजा है। इस प्रस्ताव को आगामी कैबिनेट बैठक में रखा जा सकता है। अभी तक सिर्फ शहरी निकाय क्षेत्र में आने वाली जमीनों से EDC वसूला जाता है।

जानकारी के मुताबिक, ईडीसी वह शुल्क जो रियल एस्टेट डेवलपर्स से किसी परियोजना के आसपास की बाहरी बुनियादी ढांचा सुविधाओं जैसे सड़कें, जलापूर्ति और सीवेज सिस्टम के विकास और रखरखाव के लिए लिया जाता है। अगर कैबिनेट मंजूरी देती है तो कृषि भूमि में होने वाली व्यावसायिक गतिविधियों से भी यह चार्ज वसूला जाएगा।

खबरों की मानें, तो निकाय विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक शुल्क लगने से आसपास के इलाकों में मूलभूत सुविधाएं मिल सकेंगी। इससे सरकार के राजस्व में इजाफा भी होगा। अगली कैबिनेट बैठक अक्तूबर के आखिरी हफ्ते में होने की संभावना जताई जा रही है। उस दौरान निकाय विभाग के प्रस्ताव को रखा जा सकता है। कृषि क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियों के लिए सिर्फ सीएलयू की स्वीकृति दी जाती है।अभी तक EDC की वसूली का कोई प्रावधान नहीं था। 

ये सब होगा मंहगा

इस प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद हरियाणा में शहरों के आसपास लगने वाली कृषि भूमि पर स्कूल-अस्पताल, पेट्रोल पंप बनाना महंगा हो सकता है । 

किस हिसाब से लिया जाएगा EDC 

वहीं, प्रदेश में ईडीसी की कोई निश्चित दर नहीं है। ईडीसी अलग-अलग शहरों के लिए अलग से निर्धारित किया जाता है। साल 2024 में हरियाणा सरकार ने रियल एस्टेट क्षेत्रों के लिए EDC में 20 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी देते हुए हर साल 10 प्रतिशत की वृद्धि तय की थी। हालांकि अभी यह भी तय नहीं है कि EDC की वसूली कौन-सा विभाग करेगा।