{"vars":{"id": "128336:4984"}}

Haryana News: हरियाणा के किसानों के लिए बड़ी खबर, एक अक्तूबर से पहले शुरू की जाएगी धान की खरीद

 

Haryana News: हरियाणा के किसानों से जुड़ी हुई बड़ी खबर सामने आई है। प्रदेश में एक अक्तूबर से पहले धान की खरीद शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार की इस मांग को मान दिया है। दरअसल, मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने किसानों के हितों और फसल खरीद से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा की।
जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि हरियाणा में 1 अक्तूबर से प्रस्तावित धान की खरीद को निर्धारित समय से पहले शुरू करने की परमिशन दी जाए। इस आग्रह को केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है। अब बहुत ही जल्द तारीख की भी घोषणा की जाएगी। खबरों की मानें, तो इस मीटिंग के दौरान हरियाणा में गोदामों की क्षमता को बढ़ाकर 30 लाख मीट्रिक टन करने की केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी दी गई। इसके अलावा हरियाणा की ओर से दिए गए गेहूं और चावल की फसल की बकाया राशि 6200 करोड़ रुपये का जल्द भुगतान का भी आश्वासन दिया गया है। 

अतिरिक्त चावल और गेहूं को अन्य राज्यों में भेजा जाएगी

खबरों की मानें, तो प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के पास मौजूदा वक्त में केंद्रीय पूल का 100 लाख मीट्रिक टन गेहूं और चावल का स्टॉक है। दिसंबर में अगली फसल की सप्लाई शुरू हो जाएगी और हरियाणा को 14.5 लाख मीट्रिक टन स्टॉक रखने का स्थान केंद्र सरकार से अतिरिक्त मिलेगी। अतिरिक्त चावल और गेहूं को अन्य राज्यों में भेजा जाएगा। बैठक के दौरान फसल विविधीकरण और गन्ने की फसल को बढ़ावा देने के लिए नायब सैनी ने शुगर मिल की दूरी को 25 किलोमीटर से घटाकर 15 किलोमीटर रखने का प्रस्ताव दिया। जिस पर भारत सरकार ने अनुमोदन दिया। मुख्यमंत्री ने पीडीएस के तहत बांटे जाने वाले चावल को 25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत टूटा हुआ करने की पायलट योजना का पुरजोर समर्थन किया।

हरियाणा 8 लाख मीट्रिक टन की खरीद को करेगा पूरा

खबरों की मानें, तो सीएम सैनी ने हरियाणा का लक्ष्य 3.5 लाख टन से बढ़ाकर 8 लाख टन करने पर केंद्र सरकार का आभार जताया। उन्होंने कहा कि हरियाणा इस साल 10 प्रतिशत टूटे चावल के 8 लाख मीट्रिक टन की खरीद के लक्ष्य को पूरा करेगा। वहीं 15 प्रतिशत बचे टूटे चावल को केंद्र सरकार की तरफ से 15 दिनों में बेचा जाएगा।