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Haryana News: हरियाणा में IVF कराने के लिए लेनी पड़ेगी परमिशन, जानें वजह?

 

Haryana News: हरियाणा में जो पैरेंट्स आईवीएफ से दूसरा बच्चा पैदा करा चाहते हैं। उनके लिए जरूरी खबर है। दरअसल,  सिविल सर्जन डॉ सपना गहलावत ने बताया कि हरियाणा में ऐसे दंपति जिनके पहले से एक या दो बच्चे है और वे इसके बााद भी अगर IVF (इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन) के माध्यम से और बच्चा चाहते हैं, तो इसके लिए उन्हें समुचित प्राधिकारी से परमिशन लेनी होगी। इस संबंध में गठित टास्क फोर्स का उद्देश्य लिंगानुपात में सुधार और अनियमित मेडिकल प्रक्रियाओं पर कंट्रोल रखना है। 

इस वजह से लिया गया फैसला

जानकारी के मुताबिक, सिविल सर्जन डॉ सपना गहलावत ने बताया कि अब दंपति को अपनी आवश्यकता स्पष्ट करते हुए एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत परमिशन लेनी होगा। उन्होने कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि IVF जैसी तकनीकों का दुरुपयोग न हो और समाज में संतुलित लिंगानुपात बनाया जा सके। 

जिला स्तर पर लेनी पड़ेगी परमिशन

वहीं नोडल अधिकारी डॉ सुभाष खतरेजा ने बताया कि प्रदेश भर में चल रहे अवैध मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) केंद्रों के खिलाफ की गई कार्रवाई के चलते करीब 500 अवैध केंद्र बंद कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि आईवीएफ प्रक्रिया एक संवेदनशील चिकित्सा तकनीक है, जिसका उपयोग अत्यंत जिम्मेदारी से किया जाना चाहिए। अगर दंपति को पहले से एक या दो संतानें हैं और वे फिर से गर्भधारण के लिए IVF का सहारा लेना चाहते हैं तो यह अनिवार्य होगा कि वे जिला स्तर पर परमिशन लें। इससे न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि भ्रूण लिंग चयन जैसी अवैध प्रवृत्तियों पर भी रोक लगाने में मदद मिल सकेगी।