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 Success Story: हरियाणा की दिव्या ने मिसाल की कायम, UPSC क्रैक पहले IPS और फिर बनीं IAS ऑफिसर 

 
Success Story: भारत में UPSC की सिविल सेवा परीक्षा सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। हर साल देशभर के लाखों छात्र IAS, आईपीएस (IPS) या आईएफएस (IFS) अधिकारी बनने का सपना देखते हैं, लेकिन, उन्हें से कुछ हीचुनिंदा उम्मीदवार इस सपने को पूरा कर पाते हैं। लेकिन आज हम आज हम आपको ऐसी ही IAS अधिकारी के बारे में बताने जा रहे है जिन्होंने अपने हालातों से लड़कर सफलता हासिल की। 

ऐसे देखा IAS बनने का सपना 

हम बात कर रहे है हरियाणा की दिव्या तंवर की। दिव्या के सिर से बेहद छोटी उम्र में पिता का साया उठ गया था। लेकिन इन मुश्किलों ने ही उन्हें आगे बढ़ने की ताकत दी। दिव्या बताती हैं कि जब वह स्कूल में थीं, एक कार्यक्रम में एसडीएम गेस्ट बनकर आए थे। वहां उनकी इज्जत और रुतबा देखकर उन्होंने भी ठान लिया कि उन्हें अपनी मां को गर्व महसूस कराना है। उसी दिन से उन्होंने तय कर लिया कि जिंदगी में बड़ा करना है। 

दूसरे प्रयास में बनी IAS 

आपको बता दें कि साल 2021 में दिव्या ने पहली बार UPSC परीक्षा दी. उनकी उम्र केवल 21 साल थी और पहले ही प्रयास में उन्हें 438वीं रैंक मिली, जिससे वो IPS अधिकारी बन गईं. लेकिन उनका सपना IAS बनने का था. उन्होंने अगली बार पूरी मेहनत से तैयारी की और 105वीं रैंक हासिल कर IAS अधिकारी बनीं.

बिना कोचिंग पास कि परीक्षा 

दिव्या ने कोई महंगी कोचिंग नहीं ली. उन्होंने इंटरनेट, टॉपर्स के इंटरव्यू और NCERT की किताबों से तैयारी की. उनका मानना है कि सही रणनीति और मेहनत से बिना कोचिंग के भी सफलता हासिल की जा सकती है। तैयारी के दौरान प्रेशर बहुत था, लेकिन दिव्या ने खुद को पॉजिटिव रखा. उनकी मां और भाई-बहनों ने हमेशा हौसला बढ़ाया. दिव्या कहती हैं, मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। अगर आज उसका फल नहीं मिलता, तो कल जरूर मिलेगा।