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Success Story: हरियाणा की बेटी संगीता राघव बनीं यूपी PCS टॉपर,  वर्ल्ड बैंक छोड़ सिविल सेवा का रास्ता चुना

 
Success Story: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की राज्य प्रशासनिक सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है। जहां कई उम्मीदवारों को सफलता पाने में वर्षों लग जाते हैं, वहीं कुछ प्रतिभाशाली युवा अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत से पहले ही प्रयास में इतिहास रच देते हैं। ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी है संगीता राघव की जिन्होंने वर्ल्ड बैंक जैसी प्रतिष्ठित संस्था की नौकरी छोड़ सिविल सेवा की तैयारी की और पहली ही कोशिश में दूसरी रैंक हासिल कर यूपी पीसीएस परीक्षा में टॉप किया।

सिविल सेवा की राह चुनी, वर्ल्ड बैंक की नौकरी छोड़ी

गुरुग्राम (हरियाणा) की रहने वाली संगीता राघव ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ल्ड बैंक और साउथ एशियन इंस्टीट्यूट के एक प्रोजेक्ट पर काम किया था। इस दौरान उन्हें नेपाल और हिमाचल प्रदेश में काम करने का अवसर मिला। लेकिन समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना ने उन्हें सिविल सेवा की ओर प्रेरित किया। उन्होंने स्थिर करियर छोड़कर यूपी पीसीएस परीक्षा की तैयारी शुरू की।

पहली कोशिश में सफलता, मिली दूसरी रैंक

साल 2017 में संगीता ने सिर्फ ट्रायल के रूप में UP PCS परीक्षा दी थी, जिसमें वे सफल नहीं हो पाईं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। अगले ही वर्ष 2018 में उन्होंने दूसरी रैंक हासिल कर परीक्षा टॉप कर ली। यह उपलब्धि इसलिए और खास है क्योंकि उन्होंने कम समय में, नौकरी छोड़ने के बाद अपनी मेहनत के बल पर यह सफलता हासिल की।

संगीता राघव मूल रूप से हरियाणा के गुरुग्राम के शांति नगर की रहने वाली हैं। उनके पिता भारतीय नौसेना से रिटायर्ड अधिकारी हैं और माता गृहिणी हैं। संगीता ने गुरुग्राम से ही स्कूलिंग और ग्रेजुएशन की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली की इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की।

प्रशासनिक सेवा में मजबूत पहचान

वर्तमान में संगीता राघव लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) में ओएसडी (विशेष कार्याधिकारी) के पद पर कार्यरत हैं। इससे पहले वे रामपुर मनिहारन और नकुड़ तहसीलों की एसडीएम रह चुकी हैं। अपनी कार्यशैली, संवेदनशीलता और जनता के प्रति समर्पण के कारण उन्होंने प्रशासनिक क्षेत्र में एक मजबूत पहचान बनाई है।