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 Haryana: हरियाणा में ये भर्ती परीक्षा हुई रद्द, हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला 

 
Haryana News: हरियाणा सरकार को बड़ा झटका देते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अभियोजन विभाग में सहायक जिला अटॉर्नी (ADA) के 255 पदों के लिए जारी भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि स्क्रीनिंग टेस्ट का जो प्रारूप अपनाया गया, वह पूरी तरह अनुचित है और इसमें कानूनी ज्ञान की उपेक्षा की गई है, जबकि यह पद पूरी तरह से विधिक योग्यता पर आधारित होना चाहिए।

जस्टिस संदीप मौदगिल ने अपने 36 पन्नों के आदेश में साफ कहा कि सामान्य ज्ञान, विज्ञान, समसामयिक घटनाएं, इतिहास, भूगोल और बुनियादी गणित जैसे विषयों को प्राथमिकता देना, जबकि कानून विषय को पूरी तरह से नजरअंदाज कर देना, मनमाना है और यह भर्ती की वास्तविक जरूरतों से कोई तर्कसंगत संबंध नहीं रखता। उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया को “भर्ती के मूल उद्देश्य के साथ विश्वासघात” बताया।

यह मामला लखन सिंह, नवेंद्र और अमन दलाल सहित अन्य वकीलों द्वारा दायर याचिकाओं के बाद सामने आया, जिन्होंने हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) के 8 अगस्त 2025 के विज्ञापन और उसी दिन घोषित परीक्षा पैटर्न को अदालत में चुनौती दी थी। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि पहले की भर्तियों में स्क्रीनिंग टेस्ट में मुख्य रूप से कानून से जुड़े सवाल पूछे जाते थे, लेकिन इस बार यह फॉर्मेट पूरी तरह सामान्य विषयों तक सीमित कर दिया गया, जो कि एक कानूनी पद के लिए पूरी तरह से अनुचित है।

कोर्ट ने यह भी कहा कि ADA जैसे पद के लिए उम्मीदवारों को आपराधिक कानून, साक्ष्य और प्रक्रिया की गहरी समझ होनी चाहिए। ऐसी स्थिति में यदि परीक्षा में कानून विषय को शामिल ही नहीं किया गया तो वह उस उद्देश्य को ही विफल कर देती है जिसके लिए भर्ती की जा रही है। कोर्ट ने इस प्रक्रिया को “बहिष्कारक प्रथा” करार दिया और कहा कि यह प्रतियोगिता में भाग लेने के उम्मीदवारों को उनके विधिक ज्ञान का आकलन किए बिना ही बाहर कर देती है, जो कि संवैधानिक रूप से अस्थिर है।