Haryana: हरियाणा में छोटे अपराधों पर नहीं चलेगा केस, राज्यपाल ने जारी किया अध्यादेश
सरल शब्दों में कहें तो अब जिन मामलों को पहले अपराध माना जाता था, उन पर कोर्ट के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। पहली बार गलती करने वालों को जेल या भारी सजा नहीं, बल्कि चेतावनी या सलाह दी जाएगी। अगर कोई व्यक्ति वही गलती दोबारा करता है, तो उस पर चालान या जुर्माना लगाया जाएगा।
छोटे अपराधों पर अब सिर्फ जुर्माना, केस नहीं
उदाहरण के तौर पर, यदि कोई व्यक्ति पब्लिक प्लेस पर कपड़े धोता है या सार्वजनिक जगह पर पशु बांध देता है, तो अब उस पर केस दर्ज नहीं होगा, बल्कि सिर्फ 500 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
इसी तरह के 164 प्रावधानों को अब अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है। यह प्रस्ताव 12 अक्टूबर को हरियाणा कैबिनेट की बैठक में मंजूर हुआ था और अब राज्यपाल की मंजूरी के बाद इसे आगामी शीतकालीन सत्र में विधानसभा में पेश किया जाएगा, जहां इस पर अंतिम मुहर लगेगी।
इन मामलों में अब नहीं होगा मुकदमा
पानी की पाइपलाइन तोड़ने या उसे प्रदूषित करने, नगरपालिका की नालियों को नुकसान पहुंचाने, सीवरेज कार्यों में बाधा डालने, सड़क की रेखा से आगे भवन निर्माण करने, अतिक्रमण न हटाने, कुत्तों को खुला छोड़ने, मेयर या निगम अधिकारियों के काम में बाधा डालने जैसे मामलों में अब सिर्फ 500 रुपए जुर्माना लगेगा।
नगर निकाय के आदेशों का पालन न करने पर अब 500 से 5000 रुपए तक का जुर्माना लगेगा। सफाई कर्मचारी अगर बिना सूचना गैरहाजिर रहता है तो 1000 रुपए, ज्वलनशील पदार्थ जमा करने पर 5000 रुपए, और शहर में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक तरीके से पशु रखने पर 500 रुपए (दोबारा करने पर 1000 रुपए) जुर्माना होगा।
नहर पार करने, अपराधियों को छिपाने, घरों की तलाशी में सहयोग न करने या सूर्यास्त के बाद लकड़ी बेचने जैसे मामलों में अब 50 हजार रुपए तक जुर्माना लगेगा। बार-बार उल्लंघन करने पर यह राशि दोगुनी हो सकती है।
यदि कोई नहर पार करता पकड़ा गया तो उस पर 1000 रुपए जुर्माना और छह माह की कैद, जबकि बार-बार अपराध करने पर 1 लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जाएगा।
खेती-किसानी से जुड़े मामलों में भी बदलाव
कृषि विभाग से जुड़े मामलों में भी अब सख्त सजा की जगह जुर्माने का प्रावधान किया गया है। जमीन के सर्वे चिह्न नष्ट करने पर 10 हजार रुपए, काश्तकार को पानी रोकने पर 20 हजार रुपए, और गन्ना खरीद प्रक्रिया में गड़बड़ी पर 25 हजार से 50 हजार रुपए तक जुर्माना लगाया जाएगा। अगर वही गलती दोहराई गई तो जुर्माना 1 लाख रुपए तक बढ़ सकता है और लाइसेंस एक वर्ष तक निलंबित किया जा सकता है।
जुर्माना लगाने से पहले होगी सुनवाई
अध्यादेश में साफ लिखा गया है कि किसी भी व्यक्ति पर जुर्माना बिना सुनवाई लगाए नहीं जा सकेगा। संबंधित सक्षम अधिकारी को पहले दोनों पक्षों की बात सुननी होगी, उसके बाद ही जुर्माने का आदेश जारी किया जा सकेगा।
क्योंकि इस समय हरियाणा विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा है, इसलिए सरकार ने इसे अध्यादेश के रूप में लागू किया है। इसे अब शीतकालीन सत्र में अधिनियम के रूप में पारित कराया जाएगा।