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Haryana : हरियाणा में बिजली विभाग के कर्मचारी पर लगा एक हजार का जुर्माना, जानें वजह? 

यह राशि उसके वेतन से काटकर शिकायतकर्ता को मुआवजे के रूप में दी जाएगी। रादौर निवासी शिकायतकर्ता ने आयोग को दी शिकायत में बताया था कि उसने अगस्त 2024 में अपना एनडीएस विद्युत कनेक्शन कटवाया था। 
 

Haryana : हरियाणा राइट टू सर्विस कमीशन ने बिजली विभाग की एक सेवा में देरी के मामले में सुनवाई करते हुए संबंधित कर्मचारी पर एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। यह राशि उसके वेतन से काटकर शिकायतकर्ता को मुआवजे के रूप में दी जाएगी। रादौर निवासी शिकायतकर्ता ने आयोग को दी शिकायत में बताया था कि उसने अगस्त 2024 में अपना एनडीएस विद्युत कनेक्शन कटवाया था और उसी समय यह अनुरोध किया था कि उसकी सुरक्षा राशि उसके घर के चल रहे दूसरे खाते में समायोजित कर दी जाए।

मार्च 2025 में ऑनलाइन आवेदन किया

लेकिन बार-बार निवेदन करने और कार्यालय के चक्कर लगाने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हुई। अंततः उसने मार्च 2025 में ऑनलाइन आवेदन किया, जिसके बाद जुलाई में पहली बार सूचना मिली कि राशि जून के बिल में समायोजित कर दी गई है। शिकायतकर्ता ने लगभग 9 महीने की देरी पर मुआवजा देने और संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की थी। 

आयोग के प्रवक्ता ने बताया  सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि उपभोक्ता के आवेदन में दोनों खाता संख्या स्पष्ट रूप से दर्ज थीं, फिर भी उपभोक्ता लिपिक द्वारा गलती से आवासीय कनेक्शन का पीडीसीओ जारी कर दिया गया। बाद में त्रुटि का सुधार तो किया गया, लेकिन सही कनेक्शन के लिए पीडीसीओ दोबारा जारी नहीं किया गया और न ही राशि समायोजित की गई। अंततः ऑनलाइन आवेदन के बाद अप्रैल में राशि समायोजित की गई। 

एक हजार रूपये का मुआवजा आरोपित

सारी परिस्थितियों पर विचार करते हुए आयोग ने उपभोक्ता लिपिक को सेवा में देरी के लिए जिम्मेदार मानते हुए हरियाणा राइट टू सर्विस अधिनियम, 2014 की धारा 17(1)(ह) के तहत एक हजार रूपये का मुआवजा आरोपित किया है, जो अगस्त के वेतन से काटकर सितंबर में शिकायतकर्ता को अदा किया जाएगा।उपमंडल अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस आदेश की अनुपालना रिपोर्ट 10 सितंबर तक आयोग को भेजें।