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Haryana: हरियाणा टीचर्स ट्रांसफर पॉलिसी 2025 को मंजूरी, कैबिनेट की मीटिंग में लिया गया फैसला

 
Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में तय किया गया कि 1984 दंगों के पीड़ित परिवारों के एक सदस्य को हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत नौकरी दी जाएगी। वहीं, लंबे समय से लंबित हरियाणा टीचर्स ट्रांसफर पॉलिसी 2025 को भी मंजूरी दी गई है। इस नई पॉलिसी में ज़ोन कॉन्सेप्ट खत्म कर दिया गया है, जिससे अब शिक्षक किसी भी स्कूल को अपनी पसंद के अनुसार चुन सकेंगे।

1984 दंगा पीड़ितों को रोजगार का अवसर

बैठक में सरकार ने बड़ा मानवीय फैसला लेते हुए 1984 के सिख दंगा पीड़ित परिवारों के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। यह नियुक्ति हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से की जाएगी।

हरियाणा टीचर्स ट्रांसफर पॉलिसी 2025 को मंजूरी

9 साल से लंबित पड़ी टीचर्स ट्रांसफर पॉलिसी को आखिरकार हरी झंडी मिल गई है। नई पॉलिसी में ज़ोन सिस्टम को समाप्त कर दिया गया है, जिससे शिक्षक अब राज्य के किसी भी स्कूल में स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकेंगे।

ओवरटाइम और वेतन वृद्धि पर बड़ा निर्णय

मुख्यमंत्री सैनी ने बताया कि अब सभी ओवरटाइम कार्य स्वैच्छिक होंगे और इसके लिए सामान्य मजदूरी का दोगुना भुगतान किया जाएगा। साथ ही डेली वेज और पार्ट टाइम कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने का निर्णय लिया गया है, जो जनवरी 2025 से प्रभावी होगा।

कब्जाधारकों को मिलेगा मालिकाना हक

सरकार ने फैसला किया है कि गांवों में आबादी वाली जमीन पर कब्जा करने वालों को अब मालिकाना अधिकार दिए जाएंगे। इसके लिए सरकार ड्रोन सर्वे कराकर उन्हें कानूनी मालिक घोषित करेगी।

विकास कार्यों के लिए जमीन देने के नियम में संशोधन

अब जो भी जमीन मालिक अपनी भूमि विकास कार्यों के लिए सरकार को देना चाहता है, वह ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सहमति दे सकेगा। सरकार ने यह भी तय किया है कि अब कलेक्टर रेट से तीन गुना की सीमा का नियम नहीं रहेगा।

शहीदों के परिवारों को मिलेगी नौकरी

सरकार ने शहीद सैनिकों के परिवारों को नौकरी देने के नियमों में राहत दी है। अब अगर परिवार तीन साल के भीतर आवेदन नहीं करता, तब भी उसे नौकरी का हक मिलेगा। इस फैसले से दो शहीदों के परिवार — सतीश कुमार (ऑपरेशन पराक्रम, 2001) और जगदीश (ऑपरेशन रक्षक, 2000) — को नौकरी देने की मंजूरी मिली है।

मजदूरों के लिए “कारखाना संशोधन अध्यादेश 2025”

सरकार ने Factory (Amendment) Ordinance 2025 को मंजूरी दी है। अब हर मजदूर को नौकरी के समय नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य होगा। महिलाओं को भी मशीनों पर काम करने की अनुमति होगी, बशर्ते सभी सुरक्षा उपाय उपलब्ध हों। ओवरटाइम की सीमा को 115 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे कर दिया गया है।

दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान कानून में बदलाव

अब यह कानून उन प्रतिष्ठानों पर लागू नहीं होगा जहां 20 से कम कर्मचारी काम करते हैं। सभी रजिस्ट्रेशन और अपडेट अब ऑनलाइन पोर्टल से होंगे, साथ ही पुराने क्रिमिनल प्रावधानों को हटा दिया गया है।

पंचायत की जमीन पर विकलांगों के लिए आरक्षण

सरकार ने फैसला किया है कि पंचायत द्वारा खेती के लिए दी जाने वाली जमीन का 5% हिस्सा 60% से अधिक विकलांग व्यक्तियों के लिए आरक्षित रहेगा। साथ ही गौशालाओं के लिए भी 20 साल के लिए पट्टे पर जमीन देने की व्यवस्था की जाएगी।

 

उद्योगों को सेल्फ-सर्टिफिकेशन की सुविधा

 

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने सेल्फ-सर्टिफिकेशन सिस्टम लागू किया है। अब उद्योगों को हर अनुमति के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे।