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 Haryana: हरियाणा सरकार की नई आवास नीति लागू , सस्ते घर का सपना पूरा करने का मौका

 
Haryana News: आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लोगों को राहत देने के लिए हरियाणा सरकार ने आवासीय प्लॉट और फ्लैट के आवंटन से जुड़ी नई नीति जारी कर दी है। इस संबंध में आदेश टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निदेशक टाउन प्लानिंग और निदेशक हाउसिंग फॉर ऑल को जारी किए हैं। यह नीति 23 अक्टूबर 2025 से प्रभावी हो गई है। इसके साथ ही वर्ष 2021 में लागू पुरानी नीति अब पूरी तरह निष्क्रिय हो गई है।

नई नीति का उद्देश्य राज्य में आवासीय विकास को सामाजिक रूप से संतुलित बनाना और गरीब तबके को सम्मानजनक जीवन का अवसर देना है। यह कदम “हाउसिंग फॉर ऑल” मिशन की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक कदम माना जा रहा है। सरकार का कहना है कि इस नीति से पारदर्शिता, न्यायसंगत वितरण और समान अवसर सुनिश्चित होंगे।

पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सभी परियोजनाओं को हरियाणा विकास एवं शहरी क्षेत्र विनियमन अधिनियम और अपार्टमेंट ऑनरशिप एक्ट के दायरे में रखा गया है। इससे ईडब्ल्यूएस आवास योजनाओं में अनियमितता और गलत आवंटन पर अंकुश लगाया जा सकेगा।

सरकार का दावा है कि यह नई नीति हरियाणा के हजारों गरीब परिवारों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है, जो वर्षों से अपने घर के सपने को साकार करने की प्रतीक्षा कर रहे थे।

नई नीति की प्रमुख विशेषताएं

लाइसेंस प्राप्त कॉलोनियों में कुल आवासीय प्लॉटों का 20% हिस्सा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए आरक्षित रहेगा। इन प्लॉटों का आकार 50 से 125 वर्ग मीटर तक होगा।

ग्रुप हाउसिंग कॉलोनियों में कुल फ्लैटों का 15% हिस्सा ईडब्ल्यूएस को दिया जाएगा, जिनका आकार 200 से 400 वर्ग फीट के बीच होगा।

बिल्डर अपने ईडब्ल्यूएस प्लॉट्स को हाउसिंग फॉर ऑल विभाग को ₹600 प्रति वर्ग मीटर की तय दर पर हस्तांतरित करेंगे।

विभाग इन प्लॉट्स पर मकान बनवाकर उन्हें पारदर्शी लॉटरी (ड्रा) प्रणाली के माध्यम से पात्र लाभार्थियों को आवंटित करेगा।

किसी भी ईडब्ल्यूएस प्लॉट या फ्लैट की 5 साल तक बिक्री या ट्रांसफर पर रोक रहेगी। नियम तोड़ने वालों पर 100% जुर्माना लगाया जाएगा।

ईडब्ल्यूएस फ्लैट की अधिकतम कीमत 1.5 लाख रुपये या 750 रुपये प्रति वर्ग फीट तय की गई है ताकि ये आम लोगों की पहुंच में रहें।

सभी आवंटनों के लिए सार्वजनिक विज्ञापन और पात्रता की गहन जांच अनिवार्य होगी, ताकि किसी व्यक्ति को दो बार लाभ न मिल सके।

हाउसिंग फॉर ऑल विभाग को इन यूनिट्स को किराये के आवास के रूप में देने का भी अधिकार दिया गया है।

यदि किसी कॉलोनी में ईडब्ल्यूएस यूनिट्स नहीं बिकती हैं, तो उन्हें हरियाणा के सामान्य वर्ग के लोगों को ई-नीलामी के माध्यम से बेचा जा सकेगा।

डेवलपर्स को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा और कॉलोनी में सभी बुनियादी सुविधाएं पूरी होने के बाद ही आवासों का कब्जा दिया जाएगा।