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Haryana News: हरियाणा में धर्म छिपाकर की शादी तो होगी 10 साल की जेल, आदेश हुए जारी

 
Haryana News: हरियाणा सरकार ने तीन साल पहले प्रदेश में बनाए गए कानून के क्रियान्वयन की दिशा में तेजी से काम करना शुरू कर दिया है। RSS के आग्रह पर धर्मांतरण से जुड़ी घटनाओं पर सख्ती बढ़ाते हुए हरियाणा सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई व्यक्ति विवाह के लिए अपना धर्म छिपाता है, तो ऐसे विवाह को 'अमान्य' माना जाएगा। हालांकि, ऐसे विवाह से जन्मी संतान को कानूनी रूप से वैध माना जाएगा और उसे संपत्ति में उत्तराधिकार का पूरा अधिकार मिल सकेगी। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा ने सभी जिलों के उपायुक्तों, पुलिस आयुक्तों वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को 'हरियाणा विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन निवारण अधिनियम एवं नियम 2022' का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश जारी किए हैं।

 

खबरों की मानें, तो मिश्रा ने स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य धार्मिक स्वतंत्रता पर रोक लगाना नहीं, बल्कि शादी के नाम पर धोखे और जबरदस्ती धर्मांतरण जैसे मामलों को रोकना है। नए कानून में यह प्रविधान है कि कोई भी व्यक्ति धोखे, लालच, बल या अनुचित प्रभाव से धर्म परिवर्तन नहीं करा सकता, चाहे वह शादी के लिए ही क्यों ना किया गया हो।

गृह सचिव ने कानून के हवाले से कहा है कि अगर कोई व्यक्ति अपना धर्म छिपाकर विवाह करता है, तो वह विवाह अमान्य होगा। परंतु उससे जन्मे बच्चे को वैध माना जाएगा और वह उत्तराधिकार कानूनों के अनुसार अपनी मां या पिता की संपत्ति का अधिकारी होगा।

10 साल की हो सकती है जेल

इस अधिनियम के तहत अगर कोई व्यक्ति धर्म छिपाकर विवाह करता है, तो उसे तीन से 10 साल की जेल और कम से कम 3 लाख रुपये और अधिकतम पांच लाख रुपये जुर्माना हो सकता है।