Haryana: हरियाणा में पिता ने रची मिसाल, बेटी को घोड़ी पर बैठाकर निकाला बनवारा
7 नवंबर को होगी आरती की शादी
मोहल्ला बड़ का कुआं निवासी रविंद्र कुमार, जो पेशे से ऑटो ड्राइवर हैं, उनकी बेटी आरती की शादी 7 नवंबर को तय है। आरती की बारात गुरुग्राम के वीजरपुर से आएगी। दूल्हा अंकित गुरुग्राम की एक निजी कंपनी में कार्यरत है। शादी से पहले आरती के पिता ने बेटी के सम्मान में बनवारा निकालकर समाज में नई परंपरा की शुरुआत की।
लड़की के परिवार ने निभाई अनोखी रस्म
आमतौर पर शादी से पहले बनवारा लड़के की ओर से निकाला जाता है, लेकिन इस बार लड़की के परिवार ने यह परंपरा निभाई। रविंद्र कुमार ने बताया कि उन्होंने यह कदम समाज में लिंग समानता और बेटियों के सम्मान का संदेश देने के लिए उठाया। बनवारे के दौरान परिवार और रिश्तेदारों ने नाच-गाकर इस पल को यादगार बना दिया।
बेटियों को बेटों की तरह पाला
आरती के पिता रविंद्र कुमार ने कहा कि भले ही वे ऑटो चलाते हैं, लेकिन उन्होंने अपनी दोनों बेटियों को बेटों की तरह पाला है। उनके अनुसार, “बेटी और बेटा दोनों हमारे लिए समान हैं। आरती की शादी में उसे घोड़ी पर बैठाकर बनवारा निकालना मेरे लिए गर्व का पल है।” उन्होंने बताया कि आरती के अलावा एक छोटी बेटी और एक बेटा भी है।
रविंद्र कुमार ने कहा कि आज के समय में लड़कियां हर क्षेत्र में लड़कों से आगे निकल रही हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि “हमारी बेटियां खेल के मैदान में भी इतिहास रच रही हैं। क्रिकेट में वर्ल्ड कप जीतकर उन्होंने पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन किया है।” उनका कहना है कि अब समय आ गया है कि समाज बेटियों को बराबरी का दर्जा दे।
बनवारे के बाद हुआ सहभोज
इस मौके पर परिवार की ओर से सहभोज (भोज समारोह) का भी आयोजन किया गया। आरती के भाई हर्ष नारनौलिया ने बताया कि शाम को सहभोज में परिजनों, रिश्तेदारों और परिचितों ने हिस्सा लिया। सहभोज के बाद शहर में बनवारा निकाला गया, जिसमें हर कोई आरती के इस अनोखे जुलूस को देखकर गर्व महसूस कर रहा था।