{"vars":{"id": "128336:4984"}}

Haryana : हरियाणा में अलग हाईकोर्ट और राजधानी बनाने की उठी मांग, अभियान शुरू

 
Haryana : हरियाणा के लिए अलग राजधानी और हाई कोर्ट की मांग का मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है। रिटायर्ड IAS अधिकारियों और प्रबुद्ध नागरिकों ने इस अभियान का समर्थन किया है। उनका कहना है कि नई राजधानी हरियाणा के मध्य में होनी चाहिए जिससे रोजगार बढ़ेगा और लोगों को सुविधा होगी। चंडीगढ़ दूर होने के कारण लोगों को परेशानी होती है और भेदभाव का सामना भी करना पड़ता है।

रोजगार के नए अवसर होंगे पैदा

अभियान चला रहे सेवानिवृत्त IAS अधिकारियों के साथ अधिवक्ता और कलाकारों सहित विभिन्न प्रबुद्ध वर्गों के प्रतिनिधि भी खड़े हो गए हैं। प्रदेश में नई राजधानी विकसित करने से न केवल रोजगार और विकास के नए अवसर पैदा होंगे, बल्कि 300-350 KM दूर चंडीगढ़ में काम कराने के लिए पहुंचने वाले लोगों को भी परेशानी से छुटकारा मिलेगा। 

वकीलों ने उठाई ये मांग

SC चौधरी के अनुसार सर्वे में अधिकतर लोगों की राय है कि नई राजधानी सभी जिलों से अधिक 100 से 125 किलोमीटर तक की दूरी पर ही होनी चाहिए। वकील भी हरियाणा और पंजाब की अलग बार की मांग कर रहे हैं। आज हरियाणा के 14 लाख 25 हजार से अधिक मामले जिला और अधीनस्थ न्यायालयों में लंबित हैं, जबकि साढ़े चार हजार से अधिक मामले उच्च न्यायालय में अटके हुए हैं।

MS चोपड़ा और रणधीर सिंह बधरान ने कहा कि दक्षिण हरियाणा के लोगों को अदालती या सचिवालय से जुड़े कामों के लिए चंडीगढ़ पहुंचना आसान नहीं होता। स्थिति यह है कि चंडीगढ़ में हरियाणा के अधिकारियों से लेकर आमजन तक को भेदभाव का शिकार होना पड़ रहा है। इस स्थिति से निपटने के लिए तत्काल अलग राजधानी और हाई कोर्ट बनाने की आवश्यकता है।