Haryana: हरियाणा में 6 मार्केट कमेटी सचिव चार्जशीट, इस बड़े घोटाले के लगे आरोप...
मिली जानकारी के अनुसार, इसमें थानेसर मार्केट कमेटी के सचिव हरजीत सिंह, पिहोवा कमेटी के सचिव बलवान सिंह, शाहाबाद कमेटी के सचिव कृष्ण मलिक, पिपली कमेटी के सचिव गुरमीत सिंह, इस्माइलाबाद कमेटी के चंद्र सिंह और लाडवा के संत कुमार पर गाज गिरी है। Haryana News
जानकारी के मुताबिक, इसमें SP कुरुक्षेत्र से कमेटी के IP एड्रेस की जांच साइबर सेल से करवाने के लिए भी लिखा गया है। साथ ही DFSC से इन कमेटी का डेटा, गेट पास, गेट कीपर आईडी और IP एड्रेस मांगे गए हैं। इन सचिव पर फर्जी गेट पास कटवाने के आरोप लगे हैं।
आरोप Haryana News
मिली जानकारी के अनुसार, इन सेक्रेटरी पर मिलर्स को गेट पास काटने के लिए अपना यूजर आईडी और पासवर्ड देने का आरोप है। साथ ही मंडी में फर्जी गेट पास काटने की शिकायतें भी किसानों ने मुख्यमंत्री और प्रशासन को दी थी। हालांकि मामले में कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
सेक्रेटरी बोले- Haryana News
जानकारी के मुताबिक, मामले को लेकर इस्माइलाबाद अनाज मंडी कमेटी के सचिव रहे चंद्र सिंह (अभी जिला अंबाला के नन्यौला के सचिव) ने माना कि IP एड्रेस को लेकर कार्रवाई की गई है, मगर यूजर आईडी और पासवर्ड देने का आरोप गलत और बेबुनियाद है। सीजन के टाइम कई बार सिस्टम में फाल्ट आ जाता है, तब कई बार मोबाइल से गेट पास काटा जाता है।
खरीद ज्यादा कैसे Haryana News
मिली जानकारी के अनुसार, उधर,भारतीय किसान यूनियन पिहोवा ने बताया कि सरकारी पोर्टल मेरी फसल मेरा ब्योरा पर दर्ज डेटा से ज्यादा धान की खरीद की गई, जबकि इस बार बारिश, बाढ़ की वजह से धान को काफी नुकसान भी हुआ। फिर भी जिला कुरुक्षेत्र में खरीद में रिकॉर्ड बना दिया।
फसल प्रभावित Haryana News
जानकारी के मुताबिक, प्रिंस वड़ैच ने बताया कि जिला कुरुक्षेत्र में धान का गैर बासमती PR धान का कुल 3,15,039 एकड़ रकबा है। इस बार बारिश, बाढ़, हल्दी रोग और फिजी वायरस से 81,095 एकड़ फसल प्रभावित हुई है, जो कि क्षतिपूर्ति पोर्टल पर वेरिफाइड भी है। इसके अलावा 40% धान की पैदावार कम हुई।
3% कम पैदावार Haryana News
मिली जानकारी के अनुसार, उन्होंने बताया कि जिला कुरुक्षेत्र में हर सीजन औसतन उत्पादन प्रति एकड़ 32 से 35 क्विंटल पैदावार रहती है, मगर इस बार 18 से 20 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार हुई। उसके बावजूद पिछले सीजन के करीब 3% खरीद कम हुई।