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हरियाणा में नए साल पर पंचकूला को बड़ा तोहफा, PMDA ने की दो प्रोजेक्ट की घोषणा 

 
पंचकूला मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (PMDA) ने पंचकूला शहर के निवासियों को ‘नए साल का तोहफा’ देते हुए दो बड़ी परियोजनाएं शुरू करने की घोषणा की है। इन परियोजनाओं में सेक्टर-3/21 रोड पर गोल्फ क्लब के पास घग्गर नदी पर पुल का निर्माण (अनुमानित लागत 32.50 करोड़ रुपये) तथा पंचकूला शहर से गुजरने वाली दो जल धाराओं का सौंदर्यीकरण (अनुमानित लागत 95.42 करोड़ रुपये) शामिल है। इनमें माता मनसा देवी मंदिर से राजीव-इंदिरा कॉलोनी होते हुए पंजाब सीमा तक (लंबाई 5.60 किमी) और सेक्टर-1 से इंडस्ट्रियल एरिया होते हुए पंजाब सीमा तक सिंह नाला चौ (लंबाई 5.30 किमी) की जलधाराएं शामिल हैं।

 बैठक में दी गई स्वीकृति

पीएमडीए के प्रवक्ता ने बताया कि दोनों कार्यों के टेंडरों को मुख्यमंत्री  नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आयोजित ‘हाई-पावर्ड परचेज कमेटी’ की बैठक में स्वीकृति दी गई। ये परियोजनाएं पंचकूला के निवासियों और विभिन्न रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों की लंबे समय से चली आ रही मांग के अनुरूप मंजूर की गई हैं। शहरवासियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पीएमडीए के सीईओ श्री के.एम. पांडुरंग के व्यक्तिगत हस्तक्षेप से इन परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई।

घग्गर नदी पर पुल का होगा निर्माण 

पहली परियोजना के तहत सेक्टर-3/21 रोड पर गोल्फ क्लब के पास घग्गर नदी पर पुल का निर्माण किया जाएगा। इस पुल की अनुमानित लागत 32.50 करोड़ रुपये है। पुल की कुल लंबाई 333.90 मीटर और चौड़ाई 14.0 मीटर होगी, जिसमें तीन लेन का प्रावधान रहेगा। वर्तमान में घग्गर पर बना दो लेन का पुल आवागमन के बढ़ते दबाव को संभालने में सक्षम नहीं है। अपर्याप्त चौड़ाई के कारण सेक्टर-23 से 28 (पंचकूला एक्सटेंशन) के निवासियों को बार-बार और लंबे समय तक लगने वाले ट्रैफिक जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है।

नए पुल के निर्माण के बाद दोनों पुलों पर एक-तरफा यातायात व्यवस्था लागू की जाएगी, जिससे क्षेत्र में ट्रैफिक जाम की समस्या का स्थायी समाधान होगा। पुल का निर्माण 24 महीनों में पूरा किया जाएगा।

 दूसरी परियोजना पंचकूला शहर से गुजरने वाली दो जलधाराओं के सौंदर्यीकरण से संबंधित है, जिसकी अनुमानित लागत 95.42 करोड़ रुपये है। ये दोनों प्राकृतिक वर्षा-नाले घनी आबादी वाले क्षेत्रों से गुजरते हैं और वर्तमान में जर्जर अवस्था में हैं। सतह के असमान स्तर के कारण आसपास के क्षेत्रों से आने वाला अतिरिक्त व अनुपचारित पानी कई स्थानों पर जमा रहता है, जिससे दुर्गंध फैलती है और मच्छरों के पनपने की आशंका रहती है, जो गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकती है।

नालों के किनारे उगी अवांछित झाड़ियां बदसूरत दृश्य प्रस्तुत करती हैं और जहरीले कीड़ों व असामाजिक तत्वों को आश्रय देती हैं। इसके अलावा, आसपास के निवासी इन नालों को कचरा फेंकने के स्थान के रूप में भी इस्तेमाल कर रहे हैं।

 इन समस्याओं के समाधान के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) में कई प्रावधान किए गए हैं। 1.5 मीटर चौड़ा प्रीकास्ट केंद्रीय चैनल तथा जमीन के ऊपर 0.45 मीटर ऊंची आरसीसी रिटेनिंग वॉल का निर्माण किया जाएगा। पानी के नियमित प्रवाह को बनाए रखने और कचरा फेंकने से रोकने के लिए दोनों ओर 2.00 मीटर ऊंची जीआई फेंसिंग की जाएगी।

साथ ही साइकिल ट्रैक और वॉकिंग ट्रैक, पार करने के लिए नए स्टील ब्रिज, स्ट्रीट लाइटिंग और ट्रैकों व रिटेनिंग वॉल के बीच पौधारोपण का भी प्रावधान किया गया है। नालों के किनारे की भूमि को विकसित करते हुए एक कैफेटेरिया, दस बैडमिंटन कोर्ट, छह योग कोर्ट, दो वॉलीबॉल कोर्ट, दो हाफ बास्केटबॉल कोर्ट, एक स्केटिंग रिंक और दो बच्चों के खेल क्षेत्र बनाए जाएंगे। 

नालों के सौंदर्यीकरण का कार्य कार्यादेश जारी होने की तिथि से 18 महीनों में पूरा किया जाएगा। कार्य पूर्ण होने के बाद, निवासी नालों के दोनों किनारों का उपयोग सुबह-शाम की सैर के साथ-साथ मनोरंजन गतिविधियों के लिए कर सकेंगे। समग्र उपयोगिता और आसपास के क्षेत्रों की रहने योग्य गुणवत्ता बढ़ाने के लिए फूड कोर्ट और बच्चों के खेल क्षेत्रों का भी प्रावधान किया गया है।