देश का ये राज्य बना तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम, युवाओं को अपने ही जिले में मिल रहा रोजगार
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस योजनाएं
योगी सरकार ने महिला उद्यमिता को केवल प्रोत्साहन ही नहीं दिया, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस योजनाएं भी लागू कीं। आसान लोन, प्रशिक्षण, मेंटरशिप और सरकारी सहयोग ने महिलाओं को स्वरोजगार की ओर बढ़ने का आत्मविश्वास दिया है। अब महिलाएं सिर्फ नौकरी तलाशने वाली नहीं, बल्कि रोजगार देने वाली बन रही हैं और समाज में नेतृत्व की भूमिका निभा रही हैं।
पंजीकृत स्टार्टअप्स की संख्या 21,559 तक पहुंची
आपको बता दें कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2025 तक उत्तर प्रदेश में DPIIT में पंजीकृत स्टार्टअप्स की संख्या 21,559 तक पहुंच गई है. इनमें से 18,568 स्टार्टअप्स को स्टार्टअप इंडिया की मान्यता मिल चुकी है. इसके अलावा, स्टार्ट इन यूपी में करीब 3000 स्टार्टअप रजिस्टर्ड हैं. यह सफलता मजबूत नीतियों, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, डिजिटल प्रक्रियाओं और पारदर्शी शासन का नतीजा है।
सभी 75 जिलों में स्टार्टअप
आज प्रदेश के सभी 75 जिलों में स्टार्टअप गतिविधियां देखने को मिल रही हैं. पहले जहां नोएडा, लखनऊ, कानपुर जैसे शहर ही स्टार्टअप हब थे, अब बुंदेलखंड, पूर्वांचल और तराई जैसे क्षेत्रों में भी एग्रीटेक, डेयरी, फूड प्रोसेसिंग, हैंडलूम और लोकल सर्विस से जुड़े स्टार्टअप तेजी से उभर रहे हैं. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है और स्थानीय युवाओं को अपने ही जिले में रोजगार के अवसर मिल रहे हैं.
इन क्षेत्रों में किया जा रहा खास फोकस
उत्तर प्रदेश में 76 इंक्यूबेटर और 7 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस सक्रिय हैं. IIT कानपुर जैसे संस्थानों में स्टार्टअप्स को तकनीकी सहयोग, रिसर्च सपोर्ट और निवेशकों से जुड़ने का मंच मिल रहा है. आईटी, हेल्थटेक, एग्रीटेक, इलेक्ट्रॉनिक्स और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में खास फोकस किया जा रहा है. यह साफ संकेत है कि उत्तर प्रदेश न सिर्फ वर्तमान में, बल्कि भविष्य में भी स्टार्टअप और नवाचार की बड़ी ताकत बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है.