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अब निजी कंपनिया पेट्रोल और डीजल के लिए नहीं खरीद सकेंगी ये वाहन, जाने वजह ?

 
पर्यावरण संरक्षण और वायु प्रदूषण पर नियंत्रण की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। राज्य के परिवहन विभाग ने एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर और ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए सख्त दिशा-निर्देश लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक, इन नए नियमों के तहत अब निजी कंपनियां अपने कमर्शियल बेड़े के लिए पेट्रोल और डीजल से चलने वाले नए वाहन नहीं खरीद सकेंगी।

परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, 1 जनवरी से कंपनियों के बेड़े में शामिल होने वाले नए वाहन केवल CNG या Electric Vehicle ही होंगे। यदि कोई कंपनी अपने बेड़े में नया वाहन जोड़ती है, तो उसे इन शर्तों का पालन करना अनिवार्य होगा। पेट्रोल या डीजल से चलने वाले नए वाहनों की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस फैसले को वायु गुणवत्ता में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक, परिवहन विभाग ने नियमों को अंतिम रूप देने से पहले संबंधित कंपनियों, एजेंसियों और अन्य प्रभावित पक्षों से सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी को इन शर्तों पर आपत्ति है या कोई सुझाव देना चाहता है, तो वह 7 दिनों के भीतर अपने दावे या सुझाव दर्ज करा सकता है। इसके बाद नियमों को अंतिम रूप दिया जाएग

मिली जानकारी के अनुसार, हरियाणा परिवहन विभाग के आयुक्त अतुल कुमार ने बताया कि 1 जनवरी 2026 से चारपहिया वाहन (3.5 टन तक) और दोपहिया वाहन भी तभी बेड़े में शामिल किए जा सकेंगे, जब वे Commission for Air Quality Management के नियमों का पालन करेंगे। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के इलाकों में प्रदूषण के स्तर को कम करना है।

जानकारी के मुताबिक, उन्होंने यह भी जानकारी दी कि भारत सरकार के Ministry of Road Transport and Highways के निर्देशों के तहत हरियाणा में एग्रीगेटर्स को दिए जाने वाले लाइसेंस की प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया है। अब लाइसेंस उन्हीं कंपनियों को मिलेगा, जो तय पर्यावरणीय मानकों का पालन करेंगी और अपने वाहन बेड़े को स्वच्छ ईंधन की ओर ले जाएंगी।

मिली जानकारी के अनुसार, नए नियमों के तहत NCR में काम करने वाली कंपनियों को खासतौर पर ध्यान में रखा गया है। इन क्षेत्रों में कार्यरत एग्रीगेटर्स और डिलीवरी कंपनियां अपने बेड़े में केवल CNG या Electric से संचालित थ्री-व्हीलर और अन्य स्वीकृत वाहन ही शामिल कर सकेंगी। इससे एनसीआर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलने की उम्मीद है।