IAS Success Story: किसान की बेटी बनी IAS अधिकारी, पढ़ें तपस्या परिहार की सक्सेस स्टोरी
छोटे से गांव से निकली बड़ी सोच
तपस्या मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के एक छोटे से गांव जबेरा से आती हैं। उनके पिता किसान हैं और परिवार आर्थिक रूप से सामान्य स्थिति में था। गांव की एक साधारण पृष्ठभूमि से आने वाली तपस्या ने संसाधनों की कमी को कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। उन्होंने खुद को हमेशा पढ़ाई और अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रखा।
केंद्रीय विद्यालय से ILS लॉ कॉलेज तक
तपस्या ने शुरुआती पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय से की और आगे की पढ़ाई के लिए पुणे स्थित ILS Law College से कानून की डिग्री प्राप्त की। यहीं से उनके मन में UPSC की तैयारी करने का विचार जन्मा। कानून की पढ़ाई के दौरान उन्होंने प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना देखना शुरू किया।
पहले प्रयास में असफलता
UPSC के पहले प्रयास में तपस्या प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर पाईं। यह असफलता किसी के भी आत्मविश्वास को डगमगा सकती है, लेकिन तपस्या ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी रणनीति पर पुनर्विचार किया और यह तय किया कि अगली बार तैयारी और मजबूत होनी चाहिए।
बिना कोचिंग के की सेल्फ स्टडी
दूसरे प्रयास में तपस्या ने कोचिंग पर निर्भर रहने के बजाय सेल्फ स्टडी को चुना। उन्होंने मॉक टेस्ट, करंट अफेयर्स, और लगातार रिवीजन पर फोकस किया। साथ ही सोशल मीडिया से दूरी बनाकर अपनी ऊर्जा सिर्फ पढ़ाई में लगाई। उनका मानना था कि सही रणनीति और निरंतरता ही सफलता की कुंजी है।
AIR 23 और IAS अधिकारी बनने का सपना पूरा
तपस्या की मेहनत रंग लाई और उन्होंने UPSC 2017 में ऑल इंडिया रैंक 23 हासिल की। इस शानदार उपलब्धि के साथ वे IAS अधिकारी बनीं और लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गईं। उनका यह सफर बताता है कि यदि लक्ष्य स्पष्ट हो और प्रयास ईमानदार हों, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती।