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Gurugram Metro Update: गुरुग्राम मेट्रो को लेकर सामने आया बड़ा अपडेट, अब हिसाब से किया जाएगा मेट्रो स्टेशनों का डिजाइन

 
Gurugram Metro Update: गुरुग्राम मेट्रो प्रोजेक्ट से जुड़ा ताजा अपडेट सामने आया है। खबरों की मानें, तो इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर की तारीख 15 मई तक बढ़ा दी गई है। कार्य के दायरे में थोड़े बदलाव के कारण टेंडर में अब कुछ बदलाव जोड़ दिए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (जीएमआरएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि यह तय किया गया है कि मेट्रो के अलाइनमेंट के साथ बख्तावर चौक अंडरपास का निर्माण जीएमआरएल की ओर से किया जाएगा और इसलिए डेट बढ़ा दी गई है। टेंडर 1 मई को खुलने वाला था, लेकिन अधिकारियों ने बताया कि बोलीदाताओं को अपनी बोलियों को संशोधित करने का समय देने के लिए निगम ने कुछ समय इंतजार करने का फैसला किया है। इससे पहले, बोलीदाताओं की ओर से बड़ी संख्या में प्री-बिड क्वेरीज़ उठाए जाने के कारण बोलियाँ खोलने की तिथि 22 अप्रैल से बढ़ाकर 1 मई कर दी गई थी। जीएमआरएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह तय किया गया है कि बख्तावर चौक अंडरपास का निर्माण जीएमआरएल की ओर से किया जाएगा और इस काम को अब परियोजना के पहले चरण के टेंडर में शामिल किया गया है। बोलियां खोलने की तारीख अब 15 मई तक बढ़ा दी गई है। अंडरपास का निर्माण जीएमआरएल के एक सिविल ठेकेदार की ओर से किया जाएगा, लेकिन  इसके लिए पैसे का भुगतान गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) की ओर से किया जाएगा।" बता दें कि मेट्रो कॉरपोरेशन ने 8 मार्च को मिलेनियम सिटी सेंटर से सेक्टर 9 तक गुरुग्राम मेट्रो के पहले चरण के निर्माण के लिए टेंडर जारी किया था, जिसमें द्वारका एक्सप्रेसवे (1.85 किमी) के लिए एक स्पर और सेक्टर 33 में प्रस्तावित मेट्रो डिपो तक एक रैंप शामिल है। निर्माण के पहले चरण में, ठेकेदार को मेट्रो रेल वायडक्ट के 15.22 किमी और 15 स्टेशन भी बनाने होंगे। इस काम की अनुमानित लागत 1,286 करोड़ रुपये है और इस Contract के लिए बोलियां अब 15 मई को खोली जाएंगी। जीएमआरएल के एक ठेकेदार ने कहा कि उन्होंने मिलेनियम सिटी सेंटर से सेक्टर 9 मेट्रो स्टेशन तक गुरुग्राम मेट्रो के 13 स्टेशनों के लिए ईआरटी सर्वेक्षण का काम पूरा कर लिया है। ठेकेदार ने पहले चरण में पांच मेट्रो स्टेशनों का ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार सर्वेक्षण (जीपीआरएस) भी पूरा कर लिया है।   ठेकेदार के एक अधिकारी ने कहा, "ईआरटी सर्वेक्षण से हमें स्टेशनों के नीचे पानी के स्तर और मिट्टी की प्रकृति का पता लगाने में मदद मिलेगी। स्टेशनों को इन सर्वेक्षणों के आधार पर डिजाइन किया जाएगा।"