Expressway: इन 131 गांव में बढ़ जाएंगे जमीनों के रेट! इस एक्सप्रेसवे को लेकर आया बड़ा अपडेट
मिली जानकारी के अनुसार, यह एक्सप्रेसवे बिजनौर जिले में बालावाली इलाके से एंट्री करेगा और स्योहारा से आगे निकल जाएगा। रास्ते में कई जगह पुल, ओवरब्रिज और फ्लाईओवर बनाने की योजना है, ताकि यातायात सुगम बना रहे। जानकारी के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल दो से ज्यादा वैकल्पिक रूट (एलाइमेंट) पर विचार किया जा रहा है। अंतिम फैसला ट्रैफिक दबाव, जनसंख्या घनत्व और भविष्य के औद्योगिक विकास को देखते हुए लिया जाएगा। Expressway News
जोड़ा गया था प्रस्ताव में
जानकारी के मुताबिक, कुछ साल पहले चांदपुर बायपास से होकर एक्सप्रेसवे निकालने का सुझाव भी सामने आया था। उस समय के जिलाधिकारी अंकित अग्रवाल ने शासन को प्रस्ताव भेजा था कि चांदपुर क्षेत्र को इंडस्ट्रियल हब के तौर पर विकसित किया जाए, ताकि एक्सप्रेसवे का लाभ सीधे स्थानीय उद्योग और रोजगार तक पहुंचे। मिली जानकारी के अनुसार, हालांकि अब नए रूट में बालावाली से स्योहारा-जसपुर मार्ग तक का खाका तैयार किया जा रहा है। Expressway News
मजबूत होगी कनेक्टिविटी
मिली जानकारी के अनुसार, एक्सप्रेसवे बनने के बाद बिजनौर से गोरखपुर, शामली और पानीपत जैसे बड़े शहरों तक सफर आसान और तेज हो जाएगा। इससे न सिर्फ़ कृषि उत्पादों को नए बाजार मिलेंगे बल्कि छोटे व्यापारियों को भी बड़े शहरों तक सीधी पहुंच का फायदा होगा। जानकारी के मुताबिक, हालांकि, एक्सप्रेसवे 131 गांवों से होकर गुजरेगा, जिससे जमीन अधिग्रहण और पुनर्वास जैसी चुनौतियां भी सामने आएंगी। प्रशासन ने इन हालात से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। Expressway News
राय भी होगी अहम
जानकारी के मुताबिक, NHAI अधिकारियों के मुताबिक, एलाइमेंट सर्वेक्षण पूरी सावधानी से किया जा रहा है। आने वाले समय में DPR सरकार को सौंप दी जाएगी। इसके बाद भूमि अधिग्रहण का काम शुरू होगा। मिली जानकारी के अनुसार, इस प्रक्रिया में ग्रामीणों और किसानों की राय भी ली जाएगी ताकि विकास कार्यों के साथ-साथ लोगों के हित सुरक्षित रहें। Expressway News
यह प्रोजेक्ट
मिली जानकारी के अनुसार, गोरखपुर-शामली–पानीपत एक्सप्रेसवे बिजनौर की तस्वीर बदलने वाला साबित हो सकता है। यह न सिर्फ़ तेज रफ्तार कनेक्टिविटी देगा बल्कि उद्योग और रोजगार के नए अवसर भी खोलेगा। Expressway News
जानकारी के मुताबिक, विशेषज्ञ मानते हैं कि इस परियोजना से बिजनौर सिर्फ़ एक गुजरने वाला जिला नहीं रहेगा, बल्कि आने वाले समय में यह औद्योगिक नक्शे पर एक मजबूत पहचान बना सकता है।